बरेली: खानकाह-ए-नियाजिया पर धूमधाम से होगा जश्ने चिरागा

बरेली, अमृत विचार। खानकाह-ए-नियाजिया पर होने वाला ऐतिहासिक जश्ने चिरागा 22-23 नवंबर को मनाया जाएगा। इस संबंध में शनिवार शाम खानकाह के प्रबंधक शाह मोहम्मद सिब्तैन उर्फ शब्बू मियां नियाजी के नेतृत्व में प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया। इस दौरान शब्बू मियां ने बताया कि जश्ने चिरागा में शिरकत करने के लिए फनकार, बुद्धिजीवी और …
बरेली, अमृत विचार। खानकाह-ए-नियाजिया पर होने वाला ऐतिहासिक जश्ने चिरागा 22-23 नवंबर को मनाया जाएगा। इस संबंध में शनिवार शाम खानकाह के प्रबंधक शाह मोहम्मद सिब्तैन उर्फ शब्बू मियां नियाजी के नेतृत्व में प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया। इस दौरान शब्बू मियां ने बताया कि जश्ने चिरागा में शिरकत करने के लिए फनकार, बुद्धिजीवी और अकीदतमंद खानकाह में आने शुरू हो गये हैं। यह जश्न बीते 300 वर्षों से मनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि शहर के बीचों-बीच ख्वाजा कुतुब की तंग गलियों में मौजूद खानकाह मोहब्बत और इंसानियत के पैगाम को दुनिया तक ले जाने का काम कर रही है। इस सूफी आस्ताने से हमेशा भाईचारे, वतन परस्ती का संदेश दिया गया, जिसकी खुशबू बिना किसी भेदभाव के हर किसी तक पहुंचती है। इस पाकीजा रस्म का बेताबी से लोगों को इंतजार रहता है।
अकीदतमंद मन्नत का चिराग उठाकर रोशन करते हैं और फैजयाब होते हैं। मान्यता है कि इस जश्ने चिरागा में मांगी गई हर जायज मुराद पूरी होती है। खानकाह के बुजुर्गों को सभी सिलसिलों के बुजुर्गों की दुआएं हासिल हैं। यही वजह कि यहां सभी सिलसिलों के अकीदतमंदों का संगम दिखाई देता है। शब्बू मियां ने बताया कि इस पाकीजा रस्म को उर्स-ए-महबूबी भी कहते हैं।
सोने-चांदी के चिराग किए जाएंगे रौशन
22 नवम्बर को नियाजिया खानदान के साहबजादे आदि कदीमी सोने-चांदी के चिराग रोशन करेंगे। इस दिन हवेली में भी चिरागा होगा। खुसूसी रस्म 23 नवम्बर को आगे बढ़ाया जायेगा। मगरिब के बाद पहला चिराग खानकाह के सज्जादानशीन हजरत शाह मोहम्मद हाजी मेहंदी मियां अकीदतमंद को देकर जश्न का आगाज करेंगे। उसके बाद मन्नत और मुरादों के चिराग पर अपनी जायज मांग रखकर आम लोग चिराग रौशन करेंगे। असर और मगरिब के बीच महबूब-ए-सुब्हानी व महबूब-ए-इलाही के कुल की रस्म पूरी की जायेगी। रात में महफिल-ए-समां का आगाज होगा।
महिलाओं के लिए किए गये खास इंतजाम
जश्न-ए-चिरागा में महिलाओं के लिए खास इंतजाम किया गया है। 22 नवंबर को सिर्फ महिलाओं के लिए चिरागा का कार्यक्रम रखा गया है। शब्बू मियां ने बताया कि कोरोना काल के बाद हालात बेहतरी की तरफ बढ़ रहे हैं, इसलिए इंतजाम बड़े स्तर पर किए गए हैं। बाहर से आने वाले अकीदतमंदों को दिक्कत न हो, इसका भी ख्याल रखा गया है।