बरेली: पराली ने दूषित की हवा, पटाखों से एक्यूआई पहुंचेगा 400 पार

बरेली: पराली ने दूषित की हवा, पटाखों से एक्यूआई पहुंचेगा 400 पार

बरेली, अमृत विचार। बरेली शहर में प्रदूषण का स्तर पहले से ही बढ़ा हुआ है। महीनों से सड़कें खुदी पड़ी हैं। धूल उड़ने से पहले से लोग दिक्कत झेल रहे हैं। अब खेतों में पराली भी खूब जल रही हैं। पराली के साथ पटाखे जलाने का प्रदूषण भी हवा में घुल रहा है। बुधवार शाम …

बरेली, अमृत विचार। बरेली शहर में प्रदूषण का स्तर पहले से ही बढ़ा हुआ है। महीनों से सड़कें खुदी पड़ी हैं। धूल उड़ने से पहले से लोग दिक्कत झेल रहे हैं। अब खेतों में पराली भी खूब जल रही हैं। पराली के साथ पटाखे जलाने का प्रदूषण भी हवा में घुल रहा है। बुधवार शाम को आसमान में हल्की धुंध भी छा गई। जिसे स्मॉग कहा जा रहा है। गुरुवार की शाम से देर रात तक करोड़ों रुपये के पटाखे दिवाली पर घर-घर जलाए जाएंगे तो प्रदूषण का एक्यूआई और बढ़ जाएगा।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कहना है कि दिवाली पर पटाखों की वजह से प्रदूषण बढ़ जाता है। कारोबार बेहतर होने से ज्यादा पटाखों जलेंगे तो एक्यूआई 400 पार तक पहुंचने की बात कही जा रही है। ऐसा हुआ तो लोगों की सेहत पर ज्यादा असर पड़ेगा। प्रदूषण बढ़ने से खांसी, श्वांस व दिल के रोगियों को ज्यादा दिक्कत होती है। राज्य सरकार के सख्त निर्देश पर भी जिला प्रशासन खेतों में पराली जलाने के मामलों पर अंकुश नहीं लगा पाया। इसी लापरवाही की वजह से दिवाली पर प्रदूषण बढ़ना शुरू हो गया है।

पराली के साथ कूड़े के ढेर भी सुलग रहे हैं। ऐसी स्थिति में पटाखों का धुआं हवा को और दूषित बना रहा है। 2020 की बात कर तो पराली जलाने के खूब मामले हुए। किसानों पर एफआईआर भी हुई लेकिन इस बार पराली जलाने के आरोप में किसानों पर 2500 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक ही जुर्माना लगाया जा रहा है।

शाहजहांपुर में सर्वाधिक खेतों में जल रही पराली
इस वर्ष अक्टूबर से लेकर 1 नवंबर तक राज्य में सर्वाधिक पराजी जलाने के मामले शाहजहांपुर में दर्ज किए गए। सेटेलाइट के जरिए खेतों में जल रही पराली के मामले ट्रेस कर संबंधित लेखपाल को कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।

पराली जलाने के मामले

30 नवंबर 2020 तक में केस 1 नवंबर 2021 तक केस

बरेली 110 30
झांसी 349 5
खीरी 217 115
पीलीभीत 43 162
रामपुर 180 89
शाहजहांपुर 159 280
बदायूं 15 11

दिवाली के नजदीक पटाखों समेत विभिन्न कारणों से एक्यूआई 400 के आसपास पहुंच जाता है। बाकी विश्लेषण करेंगे। बरेली में मैन्युअल मॉनीटरिंग कराई जा रही है। -रोहित सिंह, क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी