अयोध्या: डेंगू की जांच के नाम पर निजी लैब मरीजों की जेबों पर डाल रहे हैं डाका

अयोध्या: डेंगू की जांच के नाम पर निजी लैब मरीजों की जेबों पर डाल रहे हैं डाका

अयोध्या। पहले कोरोना की मार और अब डेंगू के डंक से शहरवासी ही नहीं बल्कि ग्रामीण भी जूझ रहे हैं। ऐसे में निजी अस्पताल पहुंच रहे मरीजों की जेबें ढीली हो ही रही थीं अब तो निजी लैब वालों ने भी लूट मचा रखी है। लैब वाले मनमानी कीमत पर जांच कर रहे हैं। वैसे …

अयोध्या। पहले कोरोना की मार और अब डेंगू के डंक से शहरवासी ही नहीं बल्कि ग्रामीण भी जूझ रहे हैं। ऐसे में निजी अस्पताल पहुंच रहे मरीजों की जेबें ढीली हो ही रही थीं अब तो निजी लैब वालों ने भी लूट मचा रखी है। लैब वाले मनमानी कीमत पर जांच कर रहे हैं। वैसे तो डेंगू की जांच सरकारी लैब में ही अधिकृत मानी जाती है, लेकिन इसके बावजूद जिले की निजी लैबों में रोजाना हजारों सैंपलों की जांच हो रही है। जिले में डेंगू के कार्ड टेस्ट के रेट हर लैब के अलग-अलग हैं, जो लोगों की परेशानी का कारण बने हुए हैं।

एक निजी लैब संचालक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कार्ड टेस्ट किट की कीमत 250 से 300 रुपये के आस-पास है। जांच की कीमत अगर जोड़ ली जाए तो 500 से 600 रुपये लागत आती है, लेकिन मनमर्जी पर उतारू निजी लैब संचालक 1200 से लेकर 1700 रुपये वसूल रहे हैं। कई तो यह भी झांसा दे रहे हैं कि हम 1700 ले रहे तो उसमें और भी जांच करके देंगे, जबकि मरीजों को सिर्फ और सिर्फ कार्ड टेस्ट की ही जरूरत होती है। अभी कुछ ही महीने पहले कोरोना के समय मास्क, सैनिटाइजर, आरटी पीसीआर टेस्ट व सीटी स्कैन के रेट दुकानदारों व निजी लैबों के अलग-अलग थे। प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद सभी लैबों व दुकानदारों ने अपने रेट एक समान कर लिए थे। अब डेंगू के टेस्ट के लिए प्रशासन खामोश क्यों है?

जानिए, लोग क्यों करा रहे कार्ड टेस्ट

दरअसल डेंगू के जांच की सही रिपोर्ट एलाइजा टेस्ट में ही आती है। निजी लैब पर उस रिपोर्ट को आने में दो से तीन दिन लग जाते हैं। वहीं सरकारी अस्पतालों में यह जांच मुफ्त ही हो जाती है। डेंगू के कार्ड टेस्ट की रिपोर्ट आधे घंटे में मिल जाती है। इसलिए कई डॉक्टर डेंगू के संदिग्ध मरीजों की प्राथमिक स्थिति का पता लगाने के लिए यह टेस्ट जरूर कराते हैं। हालांकि इस रिपोर्ट को स्वास्थ्य विभाग नहीं मानता।

डेंगू का चल रहा है पीक, अक्टूबर में मिले 212 मरीज

अक्टूबर व नवंबर का महीना डेंगू का पीक माना जाता है। सिर्फ अक्टूबर महीने में ही जिले में 212 मरीज मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। वहीं जिला अस्पताल में डेंगू का टेस्ट करने वाले दो लैब कर्मियों के चपेट में आ जाने के बाद से साथी कर्मचारियों की चिंता बढ़ गई है। जनवरी से सितंबर तक डेंगू मरीजों की संख्या सिर्फ 93 थी, जो अब 305 हो गई है। इसमें 163 मरीज ग्रामीण व 142 मरीज शहरी थे। जिला मलेरिया अधिकारी एमए खान के मुताबिक डेंगू के मरीजों के आंकड़ों में शामिल मरीज कुछ दूसरे जिलों के भी होते हैं। कई मरीजों को ओपीडी से दवा लेने पर ही आराम हो जाता है।

मरीजों की भी सुनिए

1- बल्लाहाता निवासी आरती गौड़ को कुछ दिन पहले बुखार, कमजोरी व चक्कर आने लगा तो उन्होंने चिकित्सकों से सलाह ली। उन्हें बताया गया कि आप एक बार कार्ड टेस्ट करा लें तो स्थिति पता चल जाएगी। उन्होंने निजी लैैब का रुख किया तो अलग-अलग लैब पर अलग-अलग रेट वसूले जा रहे थे। हालांकि उन्होंने सबसे कम रेट वाले लैब पर 1100 रुपये देकर जांच कराई थी।

2-सोहावल निवासी कैलाश को भी बुखार व कमजोरी की शिकायत थी तो एक निजी चिकित्सक से राय ली। उन्हें पहले कार्ड टेस्ट की सलाह दी गई। वह निजी लैब में गए तो उनसे 1700 रुपये मांगे गए। लैब कर्मी ने बताया कि 1700 में हम आपका कार्ड टेस्ट के अलावा भी कई जांचें करेंगे। रिपोर्ट भी आपको एक घंटे के अंदर दे दी जाएगी। कैलाश ने 1700 रुपये देकर अपनी जांच कराई।

शहर में ये हैं डेंगू के हॉट स्पॉट

1-बल्लाहाता
2- महाजनी टोला
3- टेली टोला
4-रिकाबगंज
5-मुकेरी टोला

टेस्ट का कार्ड 300 से 350 के बीच आता है। मुझे नहीं पता कि निजी लैब संचालक टेस्ट के कितने रुपये ले रहे हैं। न ही अभी तक ऐसी कोई भी लिखित या मौखिक शिकायत नहीं आई है। शिकायत आती है तो कार्रवाई की जाएगी… डॉ. अजय राजा, मुख्य चिकित्साधिकारी, अयोध्या।