पीलीभीत: बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए दिल्ली से आए सांसद वरुण गांधी, प्रभावित इलाकों का किया दौरा

पीलीभीत, अमृत विचार। बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए भाजपा सांसद वरुण गांधी आगे आए। उन्होंने दस हजार बाढ़ पीड़ितों को खाद्य सामग्री के कट्टे बांटे। किसानों से मुलाकात कर उनके दर्द को समझा और फसल का उचित मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया। वह बृहस्पतिवार सुबह दिल्ली से पीलीभीत पहुंचे थे। बरेली रोड पर ,खमरिया …
पीलीभीत, अमृत विचार। बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए भाजपा सांसद वरुण गांधी आगे आए। उन्होंने दस हजार बाढ़ पीड़ितों को खाद्य सामग्री के कट्टे बांटे। किसानों से मुलाकात कर उनके दर्द को समझा और फसल का उचित मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया। वह बृहस्पतिवार सुबह दिल्ली से पीलीभीत पहुंचे थे।
बरेली रोड पर ,खमरिया पुल पर कायकर्ताओंने उनका स्वागत किया। उसके बाद वरुण गांधी तय कार्यक्रम के तहत बाढ़ प्रभावित क्षेत्र चंदिया हजारा, राहुल नगर, खिड़किया बरगदिया, सेल्हा, पुरैना, मटईया लालपुर, रमनगरा, नगरिया, गभिया, नौजल्हा, बूंदीभूड़ आदि गांव में गए। लोगों से बातचीत कर उनके नुकसान की जानकारी जुटाई। सांसद 10 हज़ार खाद्यसामग्री के बोरों से भरे तीन ट्रक और ट्रैक्टर ट्रालियों में राशन लेकर आए थे। इसे पीड़ितों को बांटा गया।
उन्होंने कहा कि बाढ़ से हुई तबाही देखकर वह बहुत दुखी हैं। किसी का घर तो किसी की फसल नष्ट हो गई। उन्होंने भरोसा दिलाया कि वह बड़े प्रशासनिक अधिकारियों और शासन स्तर पर बात कर विशेष राहत पैकेज दिलाने की मांग की है। नुकसान की भरपाई कराने का पूरा प्रयास करेंगे। इस मौके पर चेयरमैन पूरनपुर प्रदीप जायसवाल उर्फ लल्लन, विधायक पूरनपुर बाबूराम पासवान के बेटे ऋतुराज पासवान, ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि आशूतोष दीक्षित, राजू आचार्य, रोहताश आदि मौजूद थे।
हर रिस्पांश व्यक्तिगत तो शासन का क्या मतलब
सांसद वरुण गांधी ने बाढ़ पीड़ितों की मदद को राशन सामग्री वितरित की। इससे पहले कोरोना काल में जब लाेग ऑक्सीजन संकट से जूझ रहे थे। उस वक्त भी सांसद ने निजी खर्च पर ऑक्सीजन सिलिंडर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर प्रशासन को दिए थे। सांसद रसोई भी कोरोना काल में जरूरतमंदों का पेट भरती रही। कोरोना से जान गंवाने वालों के परिवार को आर्थिक मदद की थी। अब बाढ़ में भी निजी खर्च पर मदद की है। इसी दौरान उनकी ओर से एक ट्वीट भी किया गया है। इसमें ये भी लिखा है कि अगर हर रिस्पांश व्यक्तिगत है तो फिर सरकार का क्या मतलब।