लखीमपुर हिंसा: जिन वकीलों ने जांच के लिए लिखा पत्र, SC उन्हीं से सुनेगा सच्चाई

लखीमपुर हिंसा: जिन वकीलों ने जांच के लिए लिखा पत्र, SC उन्हीं से सुनेगा सच्चाई

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह लखीमपुर खीरी कांड की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच के लिए पत्र लिखने वाले दो वकीलों को सुनना चाहेगा। यह घटना किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में आठ लोगों की मौत से जुड़ी है। प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा …

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह लखीमपुर खीरी कांड की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच के लिए पत्र लिखने वाले दो वकीलों को सुनना चाहेगा। यह घटना किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में आठ लोगों की मौत से जुड़ी है। प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने कहा कि पत्र को जनहित याचिका (पीआईएल) के तौर पर पंजीकृत किया जाना था और कुछ ‘गलतफहमी’ की वजह से इसे स्वत: संज्ञान के मामले के तौर पर सूचीबद्ध कर दिया गया।

पीठ ने कहा कि कोई फर्क नहीं पड़ता, हम तब भी इसपर सुनवाई करेंगे। पीठ ने अदालत के अधिकारियों से कहा कि वे दो वकीलों – शिव कुमार त्रिपाठी और सी एस पांडा को पेश होने के लिए सूचित करें और मामले में बाद में सुनवाई तय की। प्रधान न्यायाधीश ने कहा  की यह पत्र दो वकीलों द्वारा लिखा गया था। हमने रजिस्ट्री को इसे पीआईएल के तौर पर पंजीकृत करने को कहा था लेकिन किसी गलतफहमी की वजह से यह स्वत: संज्ञान वाले मामले के रूप में पंजीकृत हो गया….पत्र लिखने वाले दोनों वकीलों को मौजूद रहने के लिए सूचित करें। मामले में दोपहर बाद सुनवाई हो सकती है।

इस घटना ने उत्तर प्रदेश में बड़ा सियासी भूचाल खड़ा दिया है जहां विपक्षी दल भाजपा सरकार पर दोषियों को बचाने का आरोप लगा रहे हैं। केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहा किसानों का एक समूह उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की यात्रा के खिलाफ तीन अक्टूबर को प्रदर्शन कर रहा था जब लखीनपुर खीरी में एक एसयूवी ने चार किसानों को कुचल दिया गया था।

गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने भाजपा के दो कार्यकर्ताओं और एक ड्राइवर की कथित तौर पर पीट-पीट कर हत्या कर दी, जबकि हिंसा में एक स्थानीय पत्रकार की भी मौत हो गई थी। तिकोनिया थानाक्षेत्र में हुई घटना में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (भादंसं) की धारा 302 (हत्या) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है लेकिन अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

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