हल्द्वानी: आज से खुलें प्राइमरी स्कूल, स्कूल खुलने से सहमत नहीं अधिकांश अभिभावक

गौरव पांडेय, हल्द्वानी। उत्तराखंड में 21 सितंबर से प्राइमरी स्कूल खोलने को लेकर जारी एसओपी में सरकार ने अजब फरमान जारी किया है। ये फरमान न तो अभिभावकों को रास आ रहा है और न ही शिक्षकों को। एसओपी के अनुसार बच्चा न तो स्कूल में टिफिन ले जाएगा और न ही उसे स्कूल में …
गौरव पांडेय, हल्द्वानी। उत्तराखंड में 21 सितंबर से प्राइमरी स्कूल खोलने को लेकर जारी एसओपी में सरकार ने अजब फरमान जारी किया है। ये फरमान न तो अभिभावकों को रास आ रहा है और न ही शिक्षकों को। एसओपी के अनुसार बच्चा न तो स्कूल में टिफिन ले जाएगा और न ही उसे स्कूल में मिड डे मील मिलेगा। बच्चों को अब तीन घंटों से अधिक समय तक भूखे पेट ही स्कूल में पढ़ाई करनी होगी।
प्राइमरी स्कूलों को खोलने के आदेश में साफ लिखा गया है कि स्कूल में बच्चों को मध्याह्न भोजन नहीं दिया जाएगा, जबकि बच्चा स्कूल में घर से खाना भी नहीं ले जा सकता। इसकी निगरानी के लिए शिक्षकों को सतर्कता बरतने को कहा गया है। इधर, अभिभावकों के साथ ही शिक्षकों का भी कहना है कि अधिकांश बच्चे सुबह जल्दबाजी में कम खाना खाते हैं।
उन्हें स्कूल में खाने के लिए टिफिन दिया जाता है। मगर अब टिफिन या फिर किसी तरह का खाद्य पदार्थ नहीं देना है तो बच्चे कैसे भूखे पेट स्कूल में पढ़ाई कर सकेंगे, जबकि छोटे बच्चे तो भूख से जल्दी परेशान हो जाते हैं। वहीं, पर्वतीय क्षेत्रों के प्राइमरी स्कूलों तक पहुंचने के लिए नौनिहालों को कई किमी पैदल तक चलना पड़ता है। इन हालातों में कम खाए पिए या फिर खाली पेट रहने से नौनिहालों की सेहत पर भी असर पड़ेगा।
प्राइमरी स्कूल खुलने से सहमत नहीं अधिकांश अभिभावक
हल्द्वानी। कोरोना काल में अधिकांश अभिभावक छोटे बच्चों के लिए स्कूल खोलने के सरकार के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं। उनका कहना है कि संक्रमण के खतरे के बीच सरकार ने जल्दबाजी में निर्णय लिया। विशेषज्ञ सितंबर-अक्तूबर के बीच तीसरी लहर की चेतावनी दे चुके हैं। ऐसे में छोटे बच्चों के लिए स्कूल खोलना ठीक नहीं है। छोटे बच्चों को घर से बाहर संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा है। दूसरी ओर पब्लिक स्कूल संचालकों के साथ ही राजकीय स्कूलों के शिक्षक भी प्राइमरी स्कूल खोलने से निर्णय से असहज महसूस कर रहे हैं।
सिर्फ ट्यूशन फीस ही ले सकेंगे पब्लिक स्कूल
हल्द्वानी। पब्लिक स्कूल सिर्फ ट्यूशन फीस ही ले सकेंगे। इसके अलावा किसी और तरह का शुल्क वसूलने की मनाही है। सरकार की एसओपी में साफ है कि पब्लिक स्कूल ट्यूशन फीस को छोड़कर अन्य शुल्क नहीं लेंगे। बता दें कि कोरोना काल में भी कई पब्लिक स्कूलों द्वारा ट्यूशन फीस से ज्यादा वसूलने की शिकायत मिल रही है। अभिभावक इसका विरोध कर रहे हैं।
सामूहिक गतिविधियों पर रोक, सुबह नहीं होगी प्रार्थना सभा
हल्द्वानी। स्कूलों में सामूहिक गतिविधियों पर रोक रहेगी। सुबह प्रार्थना सभा नहीं होगी। खेलकूद और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी मनाही है। अधिक छात्र संख्या होने पर दो पालियों में कक्षाएं संचालित की जाएंगी। स्कूल पांच दिन ही खुलेंगे। शनिवार को पूरे स्कूल को सैनिटाइज किया जाएगा।
555 दिन बाद कल से खुलेंगे स्कूल
हल्द्वानी। प्राइमरी स्कूल कल 555 दिन बाद दोबारा खुलेंगे। कोरोना महामारी की शुरुआत पर 14 मार्च 2020 से सभी शैक्षिक संस्थानों को बंद कर दिया गया था। 10 और 12 वीं की बोर्ड कक्षाएं को पिछले साल नवंबर में कुछ समय के लिए खोला गया था। इस साल दो अगस्त से नवीं से 12 वीं तक व 16 अगस्त से छठी से आठवीं तक के स्कूल भी खोल दिए गए थे। अब शिक्षा अधिकारियों से विचार-विमर्श के बाद सरकार ने एक वर्ष, छह माह और आठ दिन बाद प्राइमरी स्कूल खोलने का निर्णय भी कर दिया है।
मर्जी से स्कूल आ सकते हैं नौनिहाल
हल्द्वानी। नौनिहाल अपनी की मरजी से स्कूल आ सकते हैं। इसके लिए अभिभावकों को सहमति पत्र भी देना होगा। प्राइमरी स्कूल के बच्चों को अनिवार्य रूप से आने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। स्कूल न आने वाले बच्चों को हाइब्रिड मोड पर पढ़ाया जाएगा। यानी बच्चों को ऑनलाइन के साथ ही ऑफलाइन मोड से पढ़ाया जाएगा।
ऐसी होगी व्यवस्था
1.कोविड 19 सुरक्षा प्रोटोकाल का पालन कराना सीईओ की व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी
2. बीईओ और उपशिक्षा अधिकारी ऑनलाइन-ऑफलाइन पढ़ाई की सुविधा तय कराएंगे
3. छात्र-छात्राओं से बातचीत कर ऑनलाइन-ऑफलाइन पढ़ाई का अपडेट लेंगे अफसर
4. स्कूलवार पढ़ाई की स्थिति की रिपोर्ट हर हफ्ते सीईओ के जरिए एससीईआरटी को दी जाएगी
5. स्कूलों में एसओपी के पालन के लिए तैनात रहेंगे नोडल अफसर
सभी स्कूलों को सैनिटाइजेशन की उचित व्यवस्था रखने के निर्देश दिए हैं। हैंडवॉश के लिए प्रस्तावित वॉश बेसिन निर्माण को भी मंजूरी दे दी गई है। स्कूल खोलने की तैयारी पूरी कर ली गई हैं। एसओपी के अनुसार कक्षाओं का संचालन किया जाएगा। एसओपी की निगरानी के लिए स्कूलों में नोडल अफसर भी तैनात कर दिए हैं।-केके गुप्ता, मुख्य शिक्षा अधिकारी, नैनीताल