बरेली: अब नहीं अटकेगी लाखों छात्रों की छात्रवृत्ति

बरेली: अब नहीं अटकेगी लाखों छात्रों की छात्रवृत्ति

बरेली, अमृत विचार। मास्टर डाटा लॉक न होने से लाखों छात्रों की छात्रवृत्ति पर ग्रहण लग गया था। एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय (रुविवि) से संबद्ध कई महाविद्यालयों के करीब 3 लाख छात्रों का डाटा लॉक नहीं हो पाया। इससे दिक्कत आ रही थी। ऐसे में महाविद्यालय प्रबंधन नोडल अधिकारी छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति से संपर्क कर …

बरेली, अमृत विचार। मास्टर डाटा लॉक न होने से लाखों छात्रों की छात्रवृत्ति पर ग्रहण लग गया था। एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय (रुविवि) से संबद्ध कई महाविद्यालयों के करीब 3 लाख छात्रों का डाटा लॉक नहीं हो पाया। इससे दिक्कत आ रही थी। ऐसे में महाविद्यालय प्रबंधन नोडल अधिकारी छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति से संपर्क कर रहे थे। उन्होंने शासन स्तर से संपर्क कर समस्या का हल निकाल लिया। रुविवि के अलावा अन्य विश्वविद्यालय के महाविद्यालयों में भी यही समस्या थी। इसकी वजह से शासन ने मास्टर डाटा लॉक करने की समय सीमा बढ़ा दी है। अब महाविद्यालय 27 सितंबर तक डाटा लॉक कर सकेंगे।

प्रमुख सचिव के रविंद्र नायक ने आदेश दिए हैं कि वित्तीय वर्ष व शैक्षिक सत्र 2021-22 में दशमोत्तर छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति कक्षा 11-12 एवं अन्य दशमोत्तर कक्षाओं से संबंधित पाठ्यक्रमों का मास्टर डाटाबेस तैयार करने, डाटा का सत्यापन करने और डाटा लॉक करने का समय बढ़ाया जाता है। इसके तहत प्रदेश में स्थित मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों द्वारा मास्टर डाटाबेस तैयार करने, मास्टर डाटा में सभी सूचनाएं भरने, सभी संस्थाओं द्वारा पाठ्यक्रम, पाठ्यक्रम का प्रकार, कुल सीटों की संख्या, विश्वविद्यालय का नाम व अन्य जानकारी 27 सितंबर तक भरनी होगी।

पहले इसकी समय सीमा 18 अगस्त निर्धारित की गई थी लेकिन कई महाविद्यालयों ने डाटा ही लॉक नहीं किया था। अमरोहा के ही 147 महाविद्यालयों का डाटा अपलोड नहीं हुआ था। बरेली, पीलीभीत, बदायूं के कई राजकीय महाविद्यालयों का भी डाटा अपडेट नहीं था। विश्वविद्यालय के नोडल अधिकारी को 28 सितंबर से 11 अक्टूबर तक डाटा का सत्यापन करना होगा। पहले इसका समय 19 अगस्त से 16 सितंबर निर्धारित था।

रुविवि के नोडल अधिकारी छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति प्रो. पीबी सिंह ने बताया कि छात्रवृत्ति के लिए सभी महाविद्यालयों से मास्टर डाटा भेजा जाता है। इस डाटा के जरिए ही प्रवेश लेने वाले छात्र आवेदन करते हैं। शासन स्तर पर डाटा न जाने से छात्र छात्रवृत्ति के लिए आवेदन नहीं कर पाते। कई महाविद्यालय लगातार संपर्क कर रहे थे। इस संबंध में शासन स्तर पर अवगत कराया गया था। अब शासन स्तर से तिथि बढ़ा दी गई हैं।