पिथौरागढ़: डेल्टा प्लस वैरिएंट नेपाल सीमा तक पहुंचा, सोया रहा स्वास्थ्य विभाग

पिथौरागढ़, अमृत विचार। कुमाऊं के दूरस्थ पर्वतीय जिले पिथौरागढ़ के धारचूला में कोरोना डेल्टा प्लस वैरिएंट से तीन मरीज संक्रमित पाए गए। ताज्जुब की बात यह है कि स्वास्थ्य विभाग को इसका पता डेढ़ माह बाद चला। गनीमत है कि संक्रमितों को कंटेनमेंट जोन में रखा गया था नहीं तो डेल्टा प्लस वैरिएंट के और …

पिथौरागढ़, अमृत विचार। कुमाऊं के दूरस्थ पर्वतीय जिले पिथौरागढ़ के धारचूला में कोरोना डेल्टा प्लस वैरिएंट से तीन मरीज संक्रमित पाए गए। ताज्जुब की बात यह है कि स्वास्थ्य विभाग को इसका पता डेढ़ माह बाद चला। गनीमत है कि संक्रमितों को कंटेनमेंट जोन में रखा गया था नहीं तो डेल्टा प्लस वैरिएंट के और भी मरीज सामने आ सकते थे।

पिथौरागढ़ के धारचूला में जुलाई में तीन लोग कोरोना पॉजिटिव आए थे। धारचूला के तीन लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई थी। इनमें दो भारतीय और एक नेपाली नागरिक शामिल था। हल्द्वानी लैब से डेल्टा प्लस वैरिएंट की पहचान को इन लोगों के सैंपल नई दिल्ली स्थित एनसीडीसी लैब भेजे गए थे। 24 अगस्त को तीनों लोगों के सैंपल में कोरोना का डेल्टा प्लस वैरिएंट होने की पुष्टि हुई है।

इसके बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। इस लापरवाही से जहां विभाग की कार्य शैली पर अंगुली उठी तो वहीं दूसरी ओर डेल्टा प्लस वैरिएंट के दूरस्थ पर्वतीय जिले में पहुंचने से चिंता भी बढ़ गई।

हालांकि अब पिथौरागढ़ जिले के सीएमएस डॉ. एचसी पंत ने बताया कि जिन तीन लोगों में डेल्टा प्लस वैरिएंट की पुष्टि हुई है उनमें कोरोना संक्रमण की पुष्टि जुलाई में ही हो गई थी। उन सभी को कंटेनमेंट जोन में रखा गया था और उनकी कोरोना जांच की रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है। उन्होंने कहा कि किसी को भी डरने की जरूरत नहीं है।

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