उत्तराखंड के सबसे बड़े नटवरलाल रितेश पांडे के खिलाफ हल्द्वानी में दर्ज हुई एक और एफआईआर, दो लोगों को लगाया साढ़े चार लाख का चूना

उत्तराखंड के सबसे बड़े नटवरलाल रितेश पांडे के खिलाफ हल्द्वानी में दर्ज हुई एक और एफआईआर, दो लोगों को लगाया साढ़े चार लाख का चूना

हल्द्वानी, अमृत विचार। सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर नेटवर्क चलाकर करोड़ों रुपये डकारने वाले उत्तराखंड के सबसे बड़े नटवर लाल रितेश पांडे पर एक और केस दर्ज हो गया है। इस मामले में भी नैनीताल निवासी मां-बेटे पर रितेश का साथ देने का आरोप है। हर बार की तरह इस बार भी मुखानी पुलिस …

हल्द्वानी, अमृत विचार। सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर नेटवर्क चलाकर करोड़ों रुपये डकारने वाले उत्तराखंड के सबसे बड़े नटवर लाल रितेश पांडे पर एक और केस दर्ज हो गया है। इस मामले में भी नैनीताल निवासी मां-बेटे पर रितेश का साथ देने का आरोप है। हर बार की तरह इस बार भी मुखानी पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। कुछ दिन जेल में रहने के बाद इन दिनों ठग रितेश पांडे जमानत पर बाहर है।

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देखें वीडियो:  नटवरलाल रितेश पांडे को ज्यादा दिन तक सलाखों के पीछे नहीं रख सकी नैनीताल पुलिस

जेल से जमानत पर बाहर आए रितेश पांडे ने दो लोगों के साथ मिलकर महिलाओं से साढ़े चार लाख रुपये की ठगी की है। पीड़ितों का कहना है कि उन्होंने बैंक से कर्ज लेकर रुपये दिए। सरकारी नौकरी नहीं मिलने पर ठगी का एहसास हुआ। पुलिस ने रितेश पांडे समेत मां-बेटे पर धोखाधड़ी की धारा में रिपोर्ट दर्ज की है।

ग्राम पनियाली कठघरिया निवासी चंद्रा बोरा ने पुलिस को बताया कि मल्लीताल निवासी आदित्य मेहरा और जेल रोड हल्द्वानी निवासी रितेश पांडे ने सांठगांठ कर उसे सरकारी नौकरी देने का झांसा दिया। उससे पहले एक लाख रुपये लिए। कई माह तक नौकरी नहीं मिलने पर उसने काल किया तो रितेश पांडे ने एक लाख रुपये की और डिमांड की। उसके पिता ने बैंक से कर्ज लेकर यह धनराशि दी। नौकरी नहीं मिलने पर उसे ठगी का एहसास हुआ। उसका कहना है कि आदित्य ने उसका परिचय रितेश से करवाया था। वहीं, कालिका कालोनी मुखानी निवासी रेखा मेर पत्नी भवान सिंह ने पुलिस को बताया कि मल्लीताल निवासी कविता मेहरा, आदित्य मेहरा और जेल रोड निवासी रितेश पांडे ने उसे सरकारी नौकरी को झांसा देकर ढ़ाई लाख रुपये हड़प लिए। कविता और उसके बेटे आदित्य ने उसे बैंक, हाईकोर्ट में कनिष्ठ सहायक पद और सचिवालय में नौकरी का लालच दिया। बयाने के तौर पर नैनीताल बुलाकर एक लाख रुपए लिए और घर आकर मां-बेटे ने एक लाख रुपए और लिए। उसके बाद ज्वाइनिंग लेटर के नाम पर 50 हजार रुपए लिए। ली गई सभी रकम मां-बेटे ने हल्द्वानी जेल रोड और हाल निवासी देहरादून रितेश पांडे पुत्र मोहन पांडे के बैंक खाते में जमा कराए। इसके बाद रेखा को न तो नौकरी मिली और न ही रुपया।

रेखा मेर ने पुलिस को बताया कि कविता मेहरा ने खुद को राजकीय कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय जेती में कार्यरत बताया। वह विद्यालय पहुंची तो पता चला महिला लंबे समय से गायब चल रही है। एसओ रमेश बोरा ने बताया रितेश पांडे, आदित्य मेहरा व कविता मेहरा पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर लिया है।

बताते चलें कि दर्जनों बेरोजगारों को नौकरी दिलाने के नाम पर चूना लगाने वाला रितेश पांडे के खिलाफ कुछ महीने पहले कमलुवागांजा निवासी नवीन जोशी ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी रितेश पांडे को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भी भेजा। करोड़ों की ठगी का आरोपी रितेश पांडे जो लंबे समय से नेटवर्क चलाकर प्रदेश के बेरोजगारों को ठगने का रैकेट चला रहा हो, वह पुलिस की ढुलमुल कार्रवाई और कमजोर धाराओं के चलते चंद दिन भी सलाखों के पीछे नहीं टिक पाया। यही वजह है कि मामले में पुलिस की कार्रवाई सवालों के घेरे में है। रितेश पांडे अब भी खुले आकाश के नीचे घूम रहा है जबकि पीड़ित अपनी डूबी रकम पाने की जुगत में आंसू बहा रहे हैं।

केस वापस लेने का दबाव बनाता है रितेश पांडे

नटवरलाल रितेश पांडे के खिलाफ उत्तराखंड के कई थानों में पीड़ितों ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है। हैरानी की बात यह है कि रितेश पांडे नेटवर्क चलाकर कई वर्षों से बेरोजगारों को ठगने का काम कर रहा है लेकिन पुलिस ने हमेशा उसके खिलाफ सामान्य ठग की तरह कार्रवाई की। ऐसा हम यूं ही नहीं कह रहे हैं। रितेश पांडे की ठगी के शिकार एक पीड़ित को मुखानी थाने में रिपोर्ट लिखाने के लिए कई महीने लग गए। एसएसपी पंकज भट्ट के दखल के बाद मुखानी पुलिस ने मजबूरी में रिपोर्ट लिखनी पड़ी। जिसके बाद रितेश पांडे गिरफ्तार भी हुआ लेकिन कमजोर धाराओं के चलते कुछ दिन में ही जेल से छूट गया।

एसओ (स्पेशल ऑपरेशन) नितिन लोहनी ने बताया कि जांच में सामने आया है कि रितेश पांडे के पीड़ितों पर रिपोर्ट वापस लेने का दबाव बनाता है। अदालती कार्रवाई से बचने और खर्च से घबराकर पीड़ित रितेश पांडे के सामने घुटने टेकने में देरी नहीं लगाते। यही वजह है कि रितेश पांडे के ठगी के नेटवर्क के खिलाफ एक मजबूत कड़ी नहीं बन पा रही है। उन्होंने पीड़ितों ने पुलिस पर भरोसा रखने और आगे आकर शिकायत करने की अपील की है जिसके रितेश पांडे के खिलाफ जांच में मदद मिल सके।