इन चुनावों में क्या शोषित वर्ग ‘बिस्कुट’ के सहारे लड़ेगा अपने हक की लड़ाई?

इन चुनावों में क्या शोषित वर्ग ‘बिस्कुट’ के सहारे लड़ेगा अपने हक की लड़ाई?

जैसे-जैसे उत्तर प्रदेश में चुनावों का माहौल गर्माता जा रहा है, वैसे-वैसे चुनाव का मुद्दा विकास और समाज कल्याण की जगह जात-पात और धर्म की तरफ खिसकता हुआ नज़र आ रहा है। हर चुनावों की तरह इन चुनावों में भी राजनीतिक पार्टियों में इस बात की होड़ लगी हुई है कि कौन सी पार्टी ज़्यादा …

जैसे-जैसे उत्तर प्रदेश में चुनावों का माहौल गर्माता जा रहा है, वैसे-वैसे चुनाव का मुद्दा विकास और समाज कल्याण की जगह जात-पात और धर्म की तरफ खिसकता हुआ नज़र आ रहा है। हर चुनावों की तरह इन चुनावों में भी राजनीतिक पार्टियों में इस बात की होड़ लगी हुई है कि कौन सी पार्टी ज़्यादा से ज़्यादा दबे और पिछड़े तबके का वोट अपनी तरफ कर पाती है, यानि एक बार फिर इन शोषित वोटर्स को लुभाकर, उनका इस्तेमाल करके, उनके वोटों को पाने की पूरी कोशिश की जा रही है। लेकिन शोषितों के खिलाफ अत्याचार की रोजमर्रा की खबरें भी रुकने का नाम नहीं ले रही हैं।

इन सब खबरों के बीच एक शॉर्ट फिल्म ‘बिस्कुट’ लोगों के बीच बातचीत का विषय बन चुकी है, क्योंकि इस फिल्म का नायक ‘भूरा’ एक पिछड़े वर्ग से है और सामान्य से ‘बिस्कुट’ के माध्यम से अपने सवर्ण मालिक और नेता से बदला लेने की रहस्मय लेकिन बहुत रोमांचकारी रणनीति बनाता है।

बिस्कुट एक कठोर लेकिन प्रेरणाप्रद कहानी है जो ये बताती है की कितने रहस्यमयी तरीकों से अपना लोकतंत्र चलता है और ये भी कि कैसे आम आदमी का वोट ही बदले और बदलाव का सबसे ताकतवर हथियार है। ये शॉर्ट फिल्म गोरिल्ला शॉर्ट्स के यूट्यूब चैनल पर रिलीज़ हो चुकी है और उनके पहले से चल रही ऑफबीट सीजन-1 सीरीज का हिस्सा है। गोरिल्ला शॉर्ट्स की दूसरी फिल्में जैसे स्टेशन मास्टर फूल कुमार और चढ्ढी पहले ही लोकप्रिय हो चुकी हैं।

निर्देशन के साथ साथ ‘बिस्कुट’ फिल्म का स्क्रीनप्ले अमेरिका के वर्जीनिया राज्य में रहने वाले अमिष श्रीवास्तव ने लिखा है। अमिष ने फिल्म स्टडीज के लिए मशहूर अमेरिकी यूनिवर्सिटी यूसीएलए एक्सटेंशन से स्क्रीनप्ले की पढ़ाई की है और न्यूयॉर्क में फिल्म डायरेक्शन सीखा। निर्माता संदीप शांत डेट्रॉइट की टीएसएस फिल्म्स के सीईओ हैं और उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में ही पले बढ़े। इसलिए वो चाहते थे कि फिल्म किसी सेट पर न होकर उनके गांव में ही शूट की जाए।

मुम्बई फ़िल्म इंडस्ट्री से पूरा शूटिंग क्रू और मुख्य ऐक्टर्स बलरामपुर में लगभग दस दिनों के लिये ठहराये गये और ये शूटिंग सात दिनों में ख़त्म हई। शूटिंग हुई बलरामपुर के एक रिमोट गांव सूरत सिंह डीह में। इस गांव के दर्जनों गांव वालों ने भी फिल्म में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिन्होंने अपने जीवन में कभी फिल्म कैमरा नहीं देखा था। इन सब गांव वालों का होना फिल्म में रियलिटी की फील देता है।

मुख्य कलाकारों में नेटफ्लिक्स सिरीज़ सेक्रेड गेम्स से चर्चा में आये चितरंजन त्रिपाठी ने गांव के दबंग सरपंच ‘नवरतन सिंह ‘की भूमिका निभाई है। नायक दलित ‘भूरा’ की भूमिका निभाई है अमरजीत सिंह ने जो कि वेबसिरीज़ मिर्ज़ापुर और पाताल लोक में ज़ोरदार भूमिका में रहे हैं। बिस्कुट बनाने वाले ‘सत्तन’ यानि चेतन शर्मा चर्चित फिल्म आंखों देखी से लेकर पगलैठ तक दर्शकों में अपना प्रभाव छोड़ने में कामयाब रहे हैं।

बिस्कुट फिल्म इटली, अमेरिका, चिले, इंग्लैंड और कनाडा समेत भारत के दर्जनों फिल्म फेस्टिवल्स में दिखाई जा चुकी है और बेस्ट निर्देशन, एक्टर, संगीत, समेत बेस्ट सामाजिक फिल्म और बेस्ट ऑडियंस पुरस्कार भी हासिल कर चुकी है। भारत में ‘बिस्कुट’ पहली बार 7 फरवरी, 2022 को गोरिल्ला शॉर्ट्स यूट्यूब चैनल पर रिलीज़ की गई।

आप इस नई दिलचस्प फिल्म बिस्कुट को इस लिंक पर क्लिक करके देख सकते हैं – https://youtu.be/_HopN9PpVl8

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