सिंघू बॉर्डर पर हुई बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा का फैसला, सभी मांगे पूरी होने तक जारी रहेगा किसान आंदोलन

सिंघू बॉर्डर पर हुई बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा का फैसला, सभी मांगे पूरी होने तक जारी रहेगा किसान आंदोलन

सोनीपत/ जींद। किसान सभी मांगे पूरी होने तक अपना आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे। यह फैसला आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने शनिवार को प्रदर्शन स्थल व दिल्ली से लगती सीमा सिंघू बॉर्डर पर हुई बैठक में लिया। एसकेएम ने एक बयान जारी कर बताया कि मोर्चा ने इसके साथ ही आगे …

सोनीपत/ जींद। किसान सभी मांगे पूरी होने तक अपना आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे। यह फैसला आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने शनिवार को प्रदर्शन स्थल व दिल्ली से लगती सीमा सिंघू बॉर्डर पर हुई बैठक में लिया। एसकेएम ने एक बयान जारी कर बताया कि मोर्चा ने इसके साथ ही आगे की रणनीति और केंद्र सरकार से बातचीत करने के लिए पांच सदस्यों की समिति बनाई है जिसमें बलबीर सिंह राजेवाल, गुरनाम चढ़ूनी, युद्धवीर सिंह, शिवकुमार कक्का और अशोक धावले को शामिल किया गया है।

संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि बैठक में केंद्र सरकार को किसानों पर दर्ज मामले लेने, न्यूनतम समर्थन मूल्य कानून की गांरटी, मुआवजे और बाकी मांगों के बारे में स्थिति स्पष्ट करने के लिए दो दिन का समय दिया गया है। एसकेएम ने बताया कि सात दिसंबर को मोर्चे की दोबारा बैठक होगी। किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले 702 किसानों की सूची केंद्र को भेजी गई है जिनके परिजनों के लिए मुआवजे की मांग की गई है।

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने संसद में कहा था कि उनके पास आंदोलन में मरने वाले लोगों की जानकारी नहीं है। इस बीच हरियाणा के जींद जिले के उचाना उपमंडल कार्यालय में विभिन्न मांगों को लेकर किसानों का धरना शनिवार को 44वें दिन में प्रवेश कर गया। भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के जिलाध्यक्ष आजाद पालवां ने कहा कि तीन कृषि कानून रद्द हो चुके हैं लेकिन किसानों की अन्य मांगों पर अबतक उनसे कोई बातचीत नहीं की गई है।