रोंगटे थर्रा
कानपुर  इतिहास 

जंग-ए-आजादी के वे स्थल जहां जाते ही रोंगटे थर्रा जाते हैं

जंग-ए-आजादी के वे स्थल जहां जाते ही रोंगटे थर्रा जाते हैं कानपुर। आजादी की पहली लड़ाई नानाराव पेशवा के नेतृत्व में कानपुर से 1857 में शुरू हुई तो यह 1942 तक कुछ इस अंदाज में चलती रही कि इसके प्रमुख पड़ाव का उल्लेख न किया जाए तो कानपुर का जंग-ए- आजादी का इतिहास अधूरा रह जाएगा। क्रांति की पहली चिंगारी बिठूर स्थित नानाराव पेशवा महल से …
Read More...

Advertisement

Advertisement