स्पेशल न्यूज

प्रीपेड कनेक्शन फिर भी बना दिया हजारों का बकायेदार... पावर कारपोरेशन कर्मियों की कारगुजारी पड़ रही उपभोक्ताओं पर भारी
यूपी बनेगा भारत का सेमीकंडक्टर हब: OSAT यूनिट से मिलेगी रफ्तार, HCL-फॉक्सकॉन की 3706 करोड़ की मेगा परियोजना होगी ग्राउंड पर
नए साल में यूपी के युवाओं के लिए बंपर खुशखबरी: 1.5 लाख सरकारी नौकरियां आने वाली हैं, योगी सरकार ने बनाया रिकॉर्ड तोड़ प्लान
रोजगार सृजन कर रही खादी... यूपी खादी एवं ग्रामोद्योग की 10 दिवसीय प्रदर्शनी की हुई शुरुआत
कभी कूड़ा होता था डंप आज बना प्रेरणा स्थल...वर्षों पुरानी समस्या का हुआ समाधान, PM मोदी की स्वच्छ भारत मिशन की भावना साकार

जंग-ए-आजादी

जंग-ए-आजादी के वे स्थल जहां जाते ही रोंगटे थर्रा जाते हैं

कानपुर। आजादी की पहली लड़ाई नानाराव पेशवा के नेतृत्व में कानपुर से 1857 में शुरू हुई तो यह 1942 तक कुछ इस अंदाज में चलती रही कि इसके प्रमुख पड़ाव का उल्लेख न किया जाए तो कानपुर का जंग-ए- आजादी का इतिहास अधूरा रह जाएगा। क्रांति की पहली चिंगारी बिठूर स्थित नानाराव पेशवा महल से …
कानपुर  इतिहास 

मुरादाबाद: बैसाखी के बल पर लिया था अंग्रेजों से लोहा

(सलमान खान) मुरादाबाद, अमृत विचार। देश को आजादी यूं ही नहीं मिली। इसके लिए न जाने कितने क्रांतिकारी फांसी के फंदे पर झूले थे और न जाने कितनों ने गोली खाई थीं तब जाकर हमने यह आजादी पाई। देश ऋणी है उन क्रांतिवीरों का जिन्होंने देश को गुलामी की जंजीरों से मुक्त कराने के लिए अपना …
उत्तर प्रदेश  मुरादाबाद 

मुरादाबाद : जंग-ए-आजादी के नायक थे मौलाना किफायत अली काफी, ब्रिटिश हुकूमत के सामने सीना तान कर हो गए थे खड़े

मुरादाबाद,अमृत विचार। हमारी आजादी की बुनियाद में कई शहीदों का खून मिला है। उन्हीं में से एक नाम है मौलाना किफायत अली काफी मुरादाबादी। वह जंगे-आजादी के सच्चे योद्धा थे। उन्होंने 1857 की क्रांति में भाग लिया था। छह मई 1858 को आजादी के इस दीवाने को मुरादाबाद की जेल के गेट पर फांसी दे …
उत्तर प्रदेश  मुरादाबाद