बंद दरवाजा
साहित्य 

बंद दरवाजा: बच्चे ने दरवाजे से झांका, मैंने मुस्कराकर पुकारा, वह गोद में आकर बैठ गया…

बंद दरवाजा: बच्चे ने दरवाजे से झांका, मैंने मुस्कराकर पुकारा, वह गोद में आकर बैठ गया… सूरज क्षितिज की गोद से निकला, बच्चा पालने से—वही स्निग्धता, वही लाली, वही खुमार, वही रोशनी। मैं बरामदे में बैठा था। बच्चे ने दरवाजे से झांका। मैंने मुस्कराकर पुकारा। वह मेरी गोद में आकर बैठ गया। उसकी शरारतें शुरू हो गईं। कभी कलम पर हाथ बढ़ाया, कभी कागज पर। मैंने गोद से उतार दिया। वह …
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