उपजिलाधिकारी बिलारी प्रकरण : एडीएम बोले- जल्दबाजी में जांच संभव नहीं, गठित हो टीम

उपजिलाधिकारी बिलारी प्रकरण : एडीएम बोले- जल्दबाजी में जांच संभव नहीं, गठित हो टीम

मुरादाबाद,अमृत विचार। उपजिलाधिकारी बिलारी प्रकरण अब शासन के पाले में है। मंडलायुक्त ने जिलाधिकारी की आरंभिक रिपोर्ट शासन को भेज दी है। हालांकि रिपोर्ट में फर्नीचर भुगतान न होने के आरोप सिद्ध नहीं हो पाए हैं और उप जिलाधिकारी की बुलडोजर चलाने की प्रक्रिया में चूक (प्रोसीजरल लॉस) हुई है। अब शासन को इस प्रकरण …

मुरादाबाद,अमृत विचार। उपजिलाधिकारी बिलारी प्रकरण अब शासन के पाले में है। मंडलायुक्त ने जिलाधिकारी की आरंभिक रिपोर्ट शासन को भेज दी है। हालांकि रिपोर्ट में फर्नीचर भुगतान न होने के आरोप सिद्ध नहीं हो पाए हैं और उप जिलाधिकारी की बुलडोजर चलाने की प्रक्रिया में चूक (प्रोसीजरल लॉस) हुई है। अब शासन को इस प्रकरण में निर्णय लेना है। जबकि आरंभिक रिपोर्ट के आधार पर उपजिलाधिकारी घनश्याम वर्मा को जिला मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया है।

बिलारी के फर्नीचर कारोबारी जाहिद हसन ने उप जिलाधिकारी घनश्याम वर्मा के बुलडोजर चलवाले को पूर्वाग्रही ठहराया था। मंडलायुक्त से शिकायत की थी कि उन्होंने घर के लिए खरीदे गए फर्नीचर की कीमत (2.67 लाख रुपए) मांगने से नाराज होकर हमारे निर्माण पर बुलडोजर चलवा दिया। इस मामले में मंडलायुक्त के निर्देश पर जिलाधिकारी ने अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) से मामले की जांच कराई थी। जांच अधिकारी ने फर्नीचर खरीद प्रकरण की विस्तृत जांच के लिए कमेटी गठन की अनुशंसा की है। जबकि, निर्माण ढहाने की प्रक्रिया में नियमों के पालन नहीं होने की बात कही है। रिपोर्ट में बताया गया है कि टाउन एरिया के 400 वर्ग मीटर तालाब पर कई लोगों ने कब्जा किया है। लेकिन, कार्रवाई केवल फर्नीचर कारोबारी के खिलाफ की गई है। जबकि कार्रवाई में नोटिस जारी करने में जरूरी समयावधि का पालन नहीं किया गया है।

तालाब की भूमि पर और कई लोगों ने अतिक्रमण किया है। तालाब भूमि के एक प्रकरण में काबिज व्यक्ति से बेदखली आदेश वापस ले लिया गया है। यह नियमों की नजर में गंभीर चूक है। उधर, जांच अधिकारी को उप जिलाधिकारी ने फर्नीचर कारोबारी के निर्माण ढहाने की कार्रवाई का वीडियो फुटेज सौंपा है, जिसमें अतिक्रमण हटाने के दौरान उप जिलाधिकारी के फर्नीचर कारोबारी से बात करने, कारोबारी के एसडीएम को अपने शो-रूम में उन्हें बुलाकर बैठाने की तस्वीरें दिख रहीं हैं। जबकि, फर्नीचर खरीद और 2.67 लाख के बिल प्रकरण की पुष्टि नहीं हो पाई है। उधर, जांच अधिकारी ने जिलाधिकारी को आरंभिक रिपोर्ट सौंपते हुए प्रकरण की विस्तृत जांच के लिए अलग से कमेटी गठित करने का आग्रह किया है।

मंडलायुक्त आन्जनेय कुमार सिंह कहा कहना है कि जिलाधिकारी द्वारा भेजी गई आरंभिक रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। फर्नीचर खरीद और मूल्य भुगतान मामले में आरोप पुष्टि नहीं हुई है। अतिक्रमण हटवाने की में सामान व्यवहार अपनाया जाना चाहिए। अगर तालाब पर कई लोग काबिज हैं तो एक पर कार्रवाई आपत्तिजनक मानी जाएगी। जिलाधिकारी द्वारा दी गई आरंभिक रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है।

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