सीतापुर: साइबर अपराध पर अंकुश लगाने के लिए अब हर थाने में होगी साइबर डेस्क

सीतापुर: साइबर अपराध पर अंकुश लगाने के लिए अब हर थाने में होगी साइबर डेस्क

सीतापुर। साइबर अपराध पर और अधिक अंकुश लगाने के लिए पुलिस ने नई पहल शुरू की है। अब महिला हेल्प डेस्क की तर्ज पर जिले के सभी थानों पर साइबर डेस्क बनाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। साइबर डेस्क के लिए अलग से पुलिस कर्मी तैनात किए जाएंगे। साइबर डेस्क पर तैनात पुलिस …

सीतापुर। साइबर अपराध पर और अधिक अंकुश लगाने के लिए पुलिस ने नई पहल शुरू की है। अब महिला हेल्प डेस्क की तर्ज पर जिले के सभी थानों पर साइबर डेस्क बनाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। साइबर डेस्क के लिए अलग से पुलिस कर्मी तैनात किए जाएंगे। साइबर डेस्क पर तैनात पुलिस कर्मी किसी साइबर ठगी या घटना पर तत्काल कार्रवाई करेंगे। साइबर डेस्क से फौरन साइबर पोर्टल पर सूचना पहुंचेगी और घटित हुई साइबर अपराध की घटना को लेकर कार्रवाई शुरू हो जाएगी।

इसके अलावा पुलिस का साइबर सेल साइबर ठगी से लोगों को बचाने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाने जा रही है। स्कूल, कालेजों, पीएसी बटालियन, पुलिस के ट्रेनिंग सेंटरों में जाकर साइबर सेल की टीम लोगों को जागरूक करेगी, ताकि लोग न सिर्फ स्वयं साइबर ठगी से बच सकें, बल्कि दूसरों को भी इससे आगाह करते रहें।

साइबर सेल प्रभारी अजय रावत ने बताया कि प्रत्येक बुधवार को जागरूकता के लिए कार्यक्रम किए जाएंगे। स्कूल, कालेजों व पीएसी वाहिनीयों आदि में जाकर लोगों को साइबर अपराध के बारे में जागरूक किया जाएगा। उनका कहना है कि साइबर ठगी होने पर शिकायत के लिए टोल-फ्री नंबर भी संचालित है। साइबर अपराध का शिकार होने पर साइबर हेल्प लाइन नंबर 155260 पर शिकायत की जा सकती है। हेल्प लाइन नंबर पर शिकायत के अलावा साइबर पोर्टल जीओबी डॉट-इन पर भी ऑन लाइन शिकायत की जा सकती है।

साइबर सेल प्रभारी ने बताया कि साइबर अपराध की शिकायत पर सिस्टम के तहत कार्रवाई होती है। साइबर हेल्प लाइन नंबर पर शिकायत मिलने के बाद उसे फौरन साइबर पोर्टल पर दर्ज किया जाता है। उसके बाद संबंधित थाने को भी सूचना दी जाती है। थाना स्तर पर कार्रवाई के अलावा साइबर सेल अपना काम शुरू कर देता है। उन्होंने बताया कि लोगों को चाहिए, कि साइबर ठगी का शिकार होने के बाद जितनी जल्दी हो सके, हेल्प लाइन नंबर, साइबर पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराए। घटना के बाद तत्काल सूचना मिलने पर कार्रवाई करने में आसानी रहती है और अपराधी जल्दी पकड़ में आ सकता है।

10 माह में वापस कराए तीन लाख 92 हजार रुपए

एएसपी एनपी सिंह के सुपरविजन में चल रही साइबर सेल काफी एक्टिव है। साइबर सेल के जिम्मेदारों का कहना है कि पिछले 10 माह के भीतर साइबर ठगी का शिकार हुए कई लोगों का पैसा वापस कराया गया है। अब तक तीन लाख 92 हजार 29 रुपए लोगों के वापस कराए जा चुके हैं। हालांकि अभी कई पीड़ितों के करीब चार लाख रुपए वापस नहीं कराए गए हैं।

इसको लेकर प्रक्रिया चल रही है। विभागीय जानकारों का कहना है कि शहर के जेल रोड निवासी मोहित कुमार से एक लाख 40 हजार रुपए की ठगी हुई थी। साइबर सेल ने कार्रवाई करते हुए उनका एक लाख रुपया वापस दिला दिया है। इसी तरह शहर के आदर्शनगर निवासी संतोष कुमार से एक लाख 38 हजार 500, करीब इतना ही पैसा खैराबाद के सरफापुर निवासी दिनेश का ठगी कर लिया गया था। साइबर सेल ने इन दोनों लोगों का भी अब तक 60-60 हजार रुपए वापस करा दिया है।

क्या है साइबर अपराध

पुलिस विभाग के जानकार बताते हैं कि साइबर अपराध कई प्रकार का होता है। साइबर अपराध में कम्प्यूटर और नेटवर्क शामिल है। जानकारों का कहना है कि हैकिंग, स्पैम, ईमेल, फिशिंग, वायरस को डालना, किसी की जानकारी को ऑनलाइन हासिल कर लेना और किसी पर हरवक्त नजर रखना आदि साइबर अपराध की श्रेणी में आते हैं।

साइबर सेल ने बंद कराई 30 फेक फेसबुक आईडी

साइबर सेल के इंचार्ज अजय रावत का कहना है कि साइबर क्रिमिनल्स किसी व्यक्ति की फर्जी फेसबुक आईडी बना लेते हैं और उसी व्यक्ति के दोस्तों व जानने वालों से बीमारी आदि के नाम पर रुपए मांगते हैं। ऐसी शिकायतें मिलने पर 30 फर्जी फेसबुक आईडी बंद कराई गई हैं।

इसलिए सफल हो जाते हैं साइबर अपराधी 

साइबर अपराध को लेकर जागरुकता की कमी के चलते लोग अक्सर ठगी का शिकार हो जाते हैं। जानकारों का कहना है कि लोगों में डिजीटल जागरूकता की कमी के चलते अक्सर साइबर अपराधी अपने मंसूबों में कामयाब हो जाते हैं। इसके अलावा साइबर अपराध को लेकर प्रभावी कानून का अभाव और साइबर अपराध रोकने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों में तकनीकी जानकारियों की कमी भी कुछ हद तक जिम्मेदार है।

क्या बोले, अफसर

एएसपी एनपी सिंह का कहना है कि हमारी साइबर सेल काफी एक्टिव है। अगर कोई साइबर अपराध का शिकार होता है तो वह तत्काल हेल्प लाइन नंबर पर सूचना दे। प्रत्येक थाने पर साइबर डेस्क की स्थापना की जा रही है। वहां जाकर शिकायत की जा सकती है। किसी अनजान व्यक्ति को अपने बैंक खाते, पैन नंबर, खाता संख्या आदि की जानकारी न दें।