Russia Ukraine War: यूक्रेन में फंसे बरेली के छात्र, जान बचाने के सड़कों पर भाग रहे, न फ्लाइट मिल रही न कोई राहत, एयरपोर्ट पहुंचे तो पता चला वो भी रूस के कब्जे में है
बरेली, अमृत विचार। रशिया का यूक्रेन पर हमला लगातार वहां के लोगों और उनकी प्रॉपर्टी को तहस नहस कर रहा है। यूक्रेन में इस समय चारो ओर बर्बादी का मंजर छाया हुआ है। इसी बर्बादी के मंजर में यूक्रेन में पढ़ाई कर अपना भविष्य संवारने गए सैकड़ों भारतीय छात्र भी फंसे हुए है। वहां पर …
बरेली, अमृत विचार। रशिया का यूक्रेन पर हमला लगातार वहां के लोगों और उनकी प्रॉपर्टी को तहस नहस कर रहा है। यूक्रेन में इस समय चारो ओर बर्बादी का मंजर छाया हुआ है। इसी बर्बादी के मंजर में यूक्रेन में पढ़ाई कर अपना भविष्य संवारने गए सैकड़ों भारतीय छात्र भी फंसे हुए है। वहां पर उनके हालात इतने बुरे हो रहे है कि उन्हें भारत आने के लिए इधर-उधर सड़कों पर भागना पड़ रहा है। न उन्हें फ्लाइट मिल हरी है न ही किसी तरह की मदद। भारतीय छात्र यूक्रेन से वीडियो जारी कर भारत से मदद मांग रहे है।
यूक्रेन एयरपोर्ट पर भी रूस का कब्जा
बरेली के आंवला के रहने वाले छात्र अभय प्रताप सिंह का एक वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। उसका कहना है कि वह उत्तर प्रदेश के बरेली में आवंला के रहने वाले है। वह यहां पर मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए आए थे। वीडियो में उन्होंने आगे कहा है कि आज उनकी भारत आने के लिए फ्लाइट थी सुबह 11 बजे। मगर जब तक वह एयरपोर्ट पर पहुंचे तो वहां से उन्हें यह कहकर लौटा दिया गया कि एयरपोर्ट अब रूस के कब्जे में है यहां से भाग जाओ। उनके साथ और भी कई छात्र थे। जिसके बाद वह सभी वहां से अपनी जान बचाने के लिए अपना लगेज छोड़कर भाग गए। सड़कों पर भागते-भागते वह एक ओवरब्रिज के नीचे जाकर छिप गए।
तीन किलोमीटर तक दौड़े पैदल
अभय वीडियो में आगे बताते है कि कुछ देर बाद वह दोबारा एयरपोर्ट पर यह सोचकर गए कि उनकी फ्लाइट है तो शायद उन्हें अंदर जाने दिया जाए। मगर दोबारा में भी उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया। जिसके बाद वह वहां से अपना लगेज उठाकर भाग खड़े हुए। और करीब तीन किलोमीटर तक पैदल ही दौड़ते रहे। इसके बाद एक बस उन्हें नजर आई। भागने वाले सभी छात्रों में से किसी को भी यह नहीं पता था कि यह बस उन्हें कहां लेकर जाएगी। मगर उस बस के अलावा उनके पास दूसरा कोई रास्ता नहीं था। मगर बस ने उन्हें मेट्रो स्टेशन पर उतारा।
7-8 किलोमीटर चलने के बाद पहुंचे एक हॉस्टल
अभय आगे बताते है कि मेट्रो स्टेशन पहुंचने के बाद उन्होंने अपने एजेंट से बात की। तो उसने बताया कि सभी छात्र वहां से कीव के पोगो मिलिट्स हॉस्टल नंबर 7 में चले जाएं। वहां उनके रूकने की व्यवस्था हो जाएगी। जिसके बाद करीब 8 किलोमीटर तक वह सभी पैदल चलकर हॉस्टल पहुंचे। तो वहां उन्हें करीब 2 से 3 घंटे बाद हॉस्टल में एंट्री दी गई।
अन्य कई छात्रों के भी वीडियो हुए है वायरल
वहीं, हॉस्टल में फंसे अन्य छात्रों के भी वीडियो वायरल हुए है। उनका कहना है कि उनके पास कोई रास्ता नहीं है। वह सभी यहां पर फंसे हुए है। उन्होंने भारत सरकार से गुहार लगाई है कि वह यहां से उन्हें कैसे भी करके बचाएं। मगर अभी तक उन्हें एंबेसी से कोई जबाव नहीं मिल रहा है।
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