रुद्रपुर: हत्या के आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा

रुद्रपुर: हत्या के आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा

रुद्रपुर, अमृत विचार। तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रजनी शुक्ला की अदालत ने दोस्ती में दगा कर लाखों रुपये लूटने और साथी की हत्या के दो आरोपियों के दोष सिद्ध करार देते हुए आजीवन कारावास एवं 38 हज़ार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता लक्ष्मी नारायण पटवा ने बताया कि वार्ड …

रुद्रपुर, अमृत विचार। तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रजनी शुक्ला की अदालत ने दोस्ती में दगा कर लाखों रुपये लूटने और साथी की हत्या के दो आरोपियों के दोष सिद्ध करार देते हुए आजीवन कारावास एवं 38 हज़ार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता लक्ष्मी नारायण पटवा ने बताया कि वार्ड नंबर 18 दरियानगर निवासी अशोक कुमार ने 27 नवंबर 2014 को कोतवाली गदरपुर में एक रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि उसका रेता बजरी का काम करने वाला उसका भतीजा गगन भुड्डी निवासी दरियानगर को शिवशंकर नामक व्यक्ति से रेता बजरी के पैसे लेने थे।

जब वह पैसे वापस मांगने गया तो शिवशंकर उसे अपने दोस्तों अभिषेक राय व गोलू उर्फ़ चन्दन निवासीगण ग्राम कीरतपुर के साथ काशीपुर ले गया। वहां शिवशंकर ने सतीश नाम के व्यक्ति से रुपये लिए और वापिस रुद्रपुर को चल दिये रास्ते में गगन व शिवशंकर लघुशंका करने उतरे, जिसके बाद वह वापस कार में आये तो देखा कि अभिषेक बैग में से रुपये निकाल रहा था। जिस पर उनमें कहासुनी होने लगी।

जब कार गदरपुर थाना क्षेत्र में सकेनिया व राजपुरा के बीच पहुंची तो वहां पर कार को रोककर उनके बीच काफ़ी देर तक कहासुनी हुई। जिसके बाद पीछे बैठे अभिषेक राय ने गगन की गोली मारकर हत्या कर दी। वहीं शिवशंकर कार से निकल कर भागा तो गोलू उर्फ़ चन्दन ने जान से मारने की नियत से उस पर भी गोली चला दी जो कार का दरवाज़ा खुलने के कारण गोली दरवाज़े में जा धंसी। इसके बाद दोनों आरोपी रुपयों से भरा बैग लूट कर वहां से भाग गए।

पुलिस ने दोनों आरोपियों को 3 दिसम्बर 2014 को गिरफ़्तार कर उनसे तमंचे एवं लूटे गए रुपयों में से 55330 रुपये बरामद कर न्यायालय में पेश किया। बाद में पुलिस ने उनको रिमांड पर लेकर उनकी निशानदेही पर लूटे गये बाकी के दो लाख रुपये और बरामद कर लिये। दोनों के विरुद्ध तृतीय अपर ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश रजनी शुक्ला के न्यायालय में मुक़दमा चला।

जिसमें एडीजीसी लक्ष्मी नारायण पटवा ने 14 गवाह पेश कर आरोप सिद्ध कर दिया। जिसके बाद न्यायाधीश रजनी शुक्ला ने दोनों को दोषी करार देते हुए धारा 302 में आजीवन कारावास व 15 हज़ार रुपये जुर्माने की सज़ा सुनाई। इसके अलावा अन्य धाराओं में भी सजा दी गई है।