रायबरेलीः अराजक तत्वों ने खोला फायर वाटर टैंक, जिला अस्पताल में भरा पानी
रायबरेली। शनिवार को जिला अस्पताल परिसर में लगे फायर वाटर टैंक को अराजक तत्वों ने खोल दिया और इसकी भनक अस्पताल प्रशासन को नहुं लग सकी। देखते ही देखते हजारों लीटर पानी अस्पताल के विभिन्न वार्डों में भर गया। करीब एक घंटे बाद जब मामले की जानकारी हुई तो फायर टैंक को बंद किया गया। …
रायबरेली। शनिवार को जिला अस्पताल परिसर में लगे फायर वाटर टैंक को अराजक तत्वों ने खोल दिया और इसकी भनक अस्पताल प्रशासन को नहुं लग सकी। देखते ही देखते हजारों लीटर पानी अस्पताल के विभिन्न वार्डों में भर गया। करीब एक घंटे बाद जब मामले की जानकारी हुई तो फायर टैंक को बंद किया गया। मामले में सीएमएस अनदेखी की जगह इसे मामूली बात बता रहे हैं।
जिला अस्पताल में आग की घटना के दौरान आपातकाल के लिए फायर टैंक बने हैं जिसमें हजारों लीटर पानी स्टोर रहता है। वहीं इन फायर वाटर टैंक की देखरेख नहीं होती है। शनिवार को दोपहर में शरारतीतत्वों ने फायर टैंक खोल दिया जिससे पानी अस्पताल के वार्ड और अल्ट्रासाउंड व एक्स्ट्रा विभाग में भर गया। काफी देर तक किसी को इसकी जानकारी नहीं हुई जब वार्डों में पानी भरने लगा तो मरीजों के तीमारदारों ने हो हल्ला करना शुरू किया जिसके बाद जांच की गई और फायर टैंक को बौद किया गया।
इसके बाद अस्पताल कर्मी पानी निकालने में जुटे। एक्सरे वार्ड व अल्ट्रासाउंड कक्ष में पानी भरने से अल्ट्रासाउंड और एक्सरे बंद कर दिया गया जिससे मरीजों को निजी पैथालॉजी जाना पड़ा। मामले को लेकर अस्पताल प्रशासन शरारत करने वाले की खोज में भी जुटा हुआ है। वहीं सूत्र बताते हैं कि किसी मरीज का इलाज न होने पर यह शरारत की गई। हालांकि इस पर कोई कुछ नहीं बोल रहा।
मामले में सीएमएस डा एनके श्रीवास्तव का कहना है कि कोई शरारत नहीं हुई है। फायर सिस्टम ठीक से चलें इसे लेकर ट्रायल होता रहता है। अब पता लगाया जा रहा है कि किसने बिना इजाजत के ट्रायल किया है।
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