पीलीभीत: भाजपा कार्यालय में हुई चोरी बन गई पहेली, जिम्मेदार खामोश

पीलीभीत: भाजपा कार्यालय में हुई चोरी बन गई पहेली, जिम्मेदार खामोश

अमृत विचार, पीलीभीत। भाजपा सरकार में कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। अपराधियों पर शिकंजा और पीड़ितों की जनसुनवाई पर गाइडलाइन तय है। लंबित वारदातों का खुलासा कर अपराधियों को जेल भेजना प्राथमिकता में शामिल है। इस पर काफी हद तक तराई में काम भी हुआ। मगर, चोरी …

अमृत विचार, पीलीभीत। भाजपा सरकार में कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। अपराधियों पर शिकंजा और पीड़ितों की जनसुनवाई पर गाइडलाइन तय है। लंबित वारदातों का खुलासा कर अपराधियों को जेल भेजना प्राथमिकता में शामिल है। इस पर काफी हद तक तराई में काम भी हुआ। मगर, चोरी के मामलों में पुलिस का पहले से चला आ रहा फेलियर भाजपा के जिला कार्यालय में हुई वारदात में भी कार्रवाई की दिशा और दशा दोनों ही नहीं बदल सका। चुनावी माहौल के बीच हुई यह बहुचर्चित वारदात पहेली बनकर रह गई। अब न तो सत्ताधारी इस पर बोलते हैं, न ही पुलिस। वहीं, चर्चा तो यह भी तेज है कि सुराग न मिलने पर अन्य तमाम घटनओं की तरह फाइनल रिपोर्ट लगाई जा चुकी है।

घटना आचार संहिता के दौरान 10 फरवरी की रात अंजाम दी गई थी। सुनगढ़ी थाना क्षेत्र के पूरनपुर गेट पुलिस चौकी से सौ कदम की दूरी पर स्थित भारतीय जनता पार्टी के जिला कार्यालय को चोरों ने निशाना बनाया था। कार्यालय में घुसे चोर जिलाध्यक्ष के कमरे में लगी एलसीडी स्क्रीन चोरी कर ले गए थे। दूसरे दिन सुबह कार्यकर्ताओं के पहुंचने पर घटना की जानकारी हो सकी थी। इस मामले में अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। उसके बाद चुनावी व्यस्तता के नाम पर कार्रवाई ठंडे बस्ते में डाल दी गई। फिर मामला समय के साथ ही दबता चला गया। सूबे की सत्ता में भाजपा की वापसी हुई।

जनपद में भी चारों सीटों पर भाजपा के विधायक चुने गए। कानून व्यवस्था को लेकर सख्ती कराई जा रही है। मगर, इन तमाम दावों के बीच अपने ही कार्यालय में हुई चोरी की घटना को लेकर भाजपाइयों में भी संजीदगी नहीं दिखी। उधर, पुलिस के प्रयास भी नाकाफी ही साबित हुए। अब तक इस घटना का खुलासा भी नहीं हो सका है। लंबा समय बीतने के बाद यह कयास लगाए जा रहे हैं कि हो सकता है कि पुलिस ने इस मामले को भी अन्य घटनाओं की तरह फाइनल रिपोर्ट लगाकर कर्तव्यों से इतिश्री कर ली हो। फिलहाल हर कोई बचता सा दिखाई दे रहा है। खास बात है कि साख बचाने को लेकर की जा रही बयानबाजी के बीच कार्रवाई की असल तस्वीर सामने नहीं आ सकी है।

संजीव प्रताप सिंह, जिलाध्यक्ष, भाजपा-
कानून व्यवस्था को लेकर सरकार की गाइडलाइन तय है। उसी आधार पर अपराधियों पर शिकंजा कसा जा रहा है। कार्यालय से एलसीडी गायब हुई थी। जिसकी हमारी तरफ से सूचना तो दी गई, लेकिन एफआईआर नहीं कराई गई थी। पुलिस की जांच चल रही है। प्रगति को लेकर जानकारी करेंगे।

 सुनील दत्त, सीओ सिटी-
घटना की सूचना मिलने पर उसी वक्त पुलिस मौके पर गई थी। तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज की गई। मामले की विवेचना अभी चल रही है। मामले को दबाया नहीं गया है। अभी छानबीन चल रही है।

ये भी पढ़ें- पीलीभीत: धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटवाने में कर दिया पक्षपात