लखनऊ : कानून के मुहाफिज अब बचाएंगे लोगों की जान, मेडिकल इमर्जेंसी के लिये तैयार किये जा रहे पुलिस जवान

लखनऊ : कानून के मुहाफिज अब बचाएंगे लोगों की जान, मेडिकल इमर्जेंसी के लिये तैयार किये जा रहे पुलिस जवान

लखनऊ, अमृत विचार । उत्तर प्रदेश की पुलिस को अब कानून व्यवस्था बनाने के साथ-साथ इमर्जेंसी के दौरान दुर्घटना ग्रस्त लोगों को प्राथमिक उपचार देने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। इसके लिए प्रदेश के 15 हजार पुलिसकर्मियों को ईच वन सेव वन 2022 के तहत प्रशिक्षित किया जा रहा गया। यह ट्रेनिंग पुलिसकर्मियों …

लखनऊ, अमृत विचार । उत्तर प्रदेश की पुलिस को अब कानून व्यवस्था बनाने के साथ-साथ इमर्जेंसी के दौरान दुर्घटना ग्रस्त लोगों को प्राथमिक उपचार देने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। इसके लिए प्रदेश के 15 हजार पुलिसकर्मियों को ईच वन सेव वन 2022 के तहत प्रशिक्षित किया जा रहा गया।

यह ट्रेनिंग पुलिसकर्मियों को देश के जाने माने आर्थोपेडिक डॉक्टरों द्वारा दिलाया जा रहा है। पूरे प्रदेश में इसके लिये एक सप्ताह का वर्कशॉप आयोजित किया गया है। प्रशिक्षण कार्यशाला में सड़क हादसा, आपदा प्रबंधन, हार्ट अटैक एवं अन्य मेडिकल आपातकाल की स्थिति में फर्स्ट रिस्पॉन्डर के रूप में पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कार्यशाला को यूपी पुलिस के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार और यूपी आर्थोपेडिक एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ आशीष कुमार की पहल पर संचालित किया जा रहा है। डॉ आशीष कुमार के अनुसार प्रदेश भर में कुल 15 हजार पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है। ये प्रशिक्षण कार्यक्रम आगे भी चलता रहेगा। किसी भी आकस्मिक घटना के बाद 10 मिनट का समय काफी महत्वपूर्ण होता है। ऐसे में घायल को तुरंत फस्ट एड मिल जाए तो बचने की सम्भावना बढ़ जाती है।

इस ट्रेनिंग वर्कशॉप में रोड एक्सिडेंट, आपदा प्रबंधन, हार्ट अटैक एवं अन्य मेडिकल इमर्जेंसी की स्थिति में फर्स्ट रिस्पॉन्डर के रूप में तैयार किया जा रहा है। दिन-रात चौराहों पर मुस्तैद रहने वाली पुलिस किसी भी घटना के दौरन सबसे पहले मौके पर पहुंचती है। यदि पुलिस कर्मियों को प्राथमिक उपचार और सीपीआर देने आता है, तो कई लोगों का बहुमूल्य जीवन बचाया जा सकता है। इसी के मद्देनजर पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।

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