कानपुर: कौशल विकास प्रशिक्षण का लक्ष्य रह गया अधूरा, तीन योजनाएं हुईं ठप

कानपुर। जिले में कौशल विकास मिशन के अंतर्गत अकुशल श्रमिकों और युवाओं को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य अधूरा रह गया है। 2021-22 में 13 हजार को प्रशिक्षण देना था, जबकि नौ हजार ही हो सका है। यह हालात ट्रेनिंग पार्टनर (टीपी) के काम न करने से वजह से हुआ है। मिशन की ओर से कई …
कानपुर। जिले में कौशल विकास मिशन के अंतर्गत अकुशल श्रमिकों और युवाओं को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य अधूरा रह गया है। 2021-22 में 13 हजार को प्रशिक्षण देना था, जबकि नौ हजार ही हो सका है। यह हालात ट्रेनिंग पार्टनर (टीपी) के काम न करने से वजह से हुआ है। मिशन की ओर से कई ट्रेनिंग पार्टनरों की जांच कराई जा रही है।
कानपुर में नौ ट्रेनिंग पार्टनर ऐसे हैं, जिन्होंने लक्ष्य मिलने के बाद किसी को भी प्रशिक्षण ही नहीं दिया। कई बार बैठकों में बुलाए जाने पर भी यह नहीं आए, जिसका खामियाजा मिशन को भुगतना पड़ा और लक्ष्य पूरा होने से चूक गया।
कौशल विकास मिशन के जिला प्रबंधक मुकेश श्रीवास्तव के मुताबिक नौ ट्रेनिंग पार्टनर के नाम मिशन को भेज दिए गए हैं। कुछ और की शिकायत मिली है। जिले में 55 केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। आगामी सत्र में जो भी लक्ष्य मिलेगा, उसकी तैयारी चल रही है।
तीन योजनाएं हुईं ठप
कौशल विकास मिशन के तहत चलने वाली तीन योजनाएं ठप हो गई हैं। इनमें रिकग्नाइज प्रायर लर्निंग (आरपीएल), बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर (बीओसीडब्ल्यू) और अनुसूचित वर्ग के प्रशिक्षणार्थियों के लिए चल रही योजना शामिल है। बीओसीडब्ल्यू की ट्रेनिंग श्रम विभाग दे रहा है और अनुसूचित वर्ग के प्रशिक्षणार्थियों को समाज कल्याण विभाग की ओर से ट्रेनिंग दी जा रही है।
नए सत्र में नहीं मिला लक्ष्य
नए सत्र अब तक प्रशिक्षण का लक्ष्य नहीं मिला है। अमूमन अप्रैल की शुरूआत तक प्रशिक्षण का लक्ष्य जारी हो जाता था। इसके पीछे बजट का न होना भी वजह हो सकता है।
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