कानपुर: हैलट और उर्सला अस्पताल में गहराया दवाओं का संकट, मरीज परेशान

कानपुर: हैलट और उर्सला अस्पताल में गहराया दवाओं का संकट, मरीज परेशान

कानपुर। शहर के अस्पतालों में जहां एक तरफ वायरल, डेंगू, मलेरिया समेत अन्य संक्रामक के बढ़ते मरीजों की वजह से बेड नहीं मिल रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ हैलट और उर्सला अस्पताल में दवाओं का संकट गहरा गया है। यहां कई गंभीर बीमारियों की दवाएं,एंटीबायोटिक और इंजेक्शन का स्टॉक लिमिटेड रह गया हैं। डायबिटीज मरीजों …

कानपुर। शहर के अस्पतालों में जहां एक तरफ वायरल, डेंगू, मलेरिया समेत अन्य संक्रामक के बढ़ते मरीजों की वजह से बेड नहीं मिल रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ हैलट और उर्सला अस्पताल में दवाओं का संकट गहरा गया है। यहां कई गंभीर बीमारियों की दवाएं,एंटीबायोटिक और इंजेक्शन का स्टॉक लिमिटेड रह गया हैं। डायबिटीज मरीजों के लिए इन्सुलिन,सांस के मरीजों के लिए इनहेलर लगभग ख़त्म हो गया है।

अस्पतालों में भर्ती मरीजों के तीमारदार बाहर से दवाइयां खरीद कर अपने मरीजों को दवाई देने को मजबूर है। अस्पताल प्रशासन ने मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन लिमिटेड को दवाओं के लिए आर्डर दिया है,लेकिन उनके पास भी दवाइयों का स्टॉक लिमिटेड होने के कारण उसकी सप्लाई नहीं हो पा रही है। अस्पताल प्रशासन इमरजेंसी और वार्ड में भर्ती गंभीर मरीजों को दवाएं लोकल परचेज से मंगवा कर दे रहे है।

हैलट और उर्सला में बढ़ती जा रही मरीजों की संख्या

हैलट और उर्सला अस्पताल की ओपीडी और इमरजेंसी में काफी संख्या में लोग सर्दी,बुखार,उल्टी,दस्त,सांस लेने में दिक्कत,गैस की समस्या से ग्रसित मरीज आ रहे हैं। पहले के मुकाबले केस लगभग तीन गुना हो गए हैं। इमरजेंसी और वार्ड में बेड सीमित हैं। मरीजों की अधिक संख्या का प्रभाव दवाओं के स्टाक पर पड़ा है। हाई बीपी, लिवर, गुर्दा रोग समेत अन्य गंभीर बीमारियों की एंटीबायोटिक दवाएं लगभग खत्म हो चुकी है।

हैलट में हार्ट अटैक में कारगर मेरोपेनम का इंजेक्शन खत्म हो गया है। डायबिटीज मरीजों की नियमित चलने वाली दवा उर्सला अस्पताल में नहीं है। निमोनिया,फेफड़ों में संक्रमण के लिए जरूरी एंटीबायोटिक की कुछ दवाएं उपलब्ध नहीं हैं। सीएमएस डा.अनिल निगम ने बताया कि जरूरत की सभी दवाएं हैं। वार्ड में भर्ती मरीजों को दवाएं मुहैया कराई जा रही हैं। कारपोरेशन को दवाओं का ऑर्डर किया गया है। जल्द दवाएं आ जायेगी।