ईरान के शिया कमांडर ने सुन्नी लड़की से किया रेप, भड़की हिंसा, पुलिस फायरिंग में 36 की मौत

ईरान के शिया कमांडर ने सुन्नी लड़की से किया रेप, भड़की हिंसा, पुलिस फायरिंग में 36 की मौत

तेहरान। ईरान में 22 साल की महसा अमिनी की पुलिस कस्टडी में मौत के बाद विरोध प्रदर्शन थमने का नाम नहीं  ले रहा है। अब जेहदान शहर में 15 साल की बलूच लड़की से रेप के विरोध में जनता हिंसक हो गई है। इन्हें रोकने के लिए पुलिस ने फायरिंग की, जिसमें 36 लोगों के …

तेहरान। ईरान में 22 साल की महसा अमिनी की पुलिस कस्टडी में मौत के बाद विरोध प्रदर्शन थमने का नाम नहीं  ले रहा है। अब जेहदान शहर में 15 साल की बलूच लड़की से रेप के विरोध में जनता हिंसक हो गई है। इन्हें रोकने के लिए पुलिस ने फायरिंग की, जिसमें 36 लोगों के मारे जाने की खबर है। गुस्साए लोग सरकारी ऑफिसों और पुलिस स्टेशनों में आग लगा रहे हैं।

सुन्नी समुदाय के बलूच लोगों का आरोप है कि 15 साल की इस लड़की के साथ चाबहार के पुलिस कमांडर कर्नल इब्राहिम खूचाकजई ने बलात्कार किया है। वह शिया मुस्लिम है। पीड़ित लड़की सुन्नी है। शुक्रवार को बलोच समुदाय के नेताओं ने इस घटना के विरोध में प्रदर्शन का आह्वान किया था। इसके बाद पुलिस इस मामले को दबाने में लगी हुई थी। पुलिस ने लड़की के परिजनों पर इसको लेकर चुप रहने का दबाव बनाया। इतना ही नहीं लड़की के तीन परिजनों को गिरफ्तार कर उनसे बलात्कार से इनकार वाले बयान देने का भी दबाव बनाया गया। इसके बाद लोग सड़कों पर उतर आए।

आपको बता दें कि शुक्रवार को नमाज के बाद बलोच समुदाय के लोग सड़कों पर उतर आए और इन्होंने नारेबाजी की। इसके बाद पुलिस ने फायरिंग की। ईरान के प्रमुख सुन्नी धर्मगुरू मौलवी अब्दुल हमीद ने इस लड़की से रेप की पुष्टि की थी। ईरान के दक्षिण-पूर्वी सिस्तान और बलूचिस्तान प्रांत में सुन्नी बलोच आबादी रहती है।

ईरान में कैसे भड़की हिंसा?
बता दें कि ईरान में हिजाब विरोधी हिंसा उस समय भड़क उठी, जब महसा अमिनी नाम की एक युवती को हिजाब ढंग से नहीं पहने के कारण पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। उसे थाने में ले जाकर इतना पीटा गया कि वह कोमा में चली गई और बाद में उसकी मौत हो गई। इसके बाद ईरान में हिजाब जलाकर महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। इन प्रदर्शनों में ईरान पुलिस ने गोली मारकर कई महिला प्रदर्शनकारियों की हत्या कर दी। हालांकि, पुलिस के दमन के बाद यह आंदोलन और विस्तृत और हिंसक होता जा रहा है। ईरानी महिलाओं के समर्थन में दुनिया भर में प्रदर्शन हो रहे हैं।

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