पूर्वोत्तर में BJP के सबसे बड़े ऑफिस का उद्घाटन, शाह बोले- कांग्रेस ने असम को आतंकलैंड बनाया था

पूर्वोत्तर में BJP के सबसे बड़े ऑफिस का उद्घाटन, शाह बोले- कांग्रेस ने असम को आतंकलैंड बनाया था

गुवाहाटी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा असम के दौरे पर हैं। शनिवार को शाह और नड्डा यहां पूर्वोत्तर में BJP के सबसे बड़े ऑफिस का उद्घाटन किया। असम के CM हिमंत बिस्वा सरमा भी मौजूद रहे। शाह ने कहा कि आज असम में मैं गृह मंत्री के नाते नहीं आया हूं, …

गुवाहाटी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा असम के दौरे पर हैं। शनिवार को शाह और नड्डा यहां पूर्वोत्तर में BJP के सबसे बड़े ऑफिस का उद्घाटन किया। असम के CM हिमंत बिस्वा सरमा भी मौजूद रहे। शाह ने कहा कि आज असम में मैं गृह मंत्री के नाते नहीं आया हूं, मैं आज यहां भाजपा के एक कार्यकर्ता के नाते आया हूं। असम की महान भूमि को कांग्रेस ने विघटन की, आतंकवाद की, हड़तालों की, आंदोलनों की भूमि बनाया था। शाह बोले- कांग्रेस ने असम को आतंकलैंड बनाया था।

शाह ने कहा कि असम की भूमि को कांग्रेस ने कई साल तक आतंकवाद, विघटन, आंदोलन और हड़ताल की भूमि बना दिया था। यहां पर न विकास हो रहा था ना शिक्षा हो रही थी, न शांति थी। आज मुझे खुशी है कि 2014 से पूरा नॉर्थ ईस्ट विकास के रास्ते पर चल पड़ा है। नॉर्थ ईस्ट का विकास और भाजपा का नॉर्थ ईस्ट में विकास दोनों समांतर चल रहा है। भाजपा के कार्यकर्ता के लिए कार्यालय कोई भवन नहीं होता है, कार्यालय भावनाओं का एक पुलिंदा होता है।

शाह ने कहा कि मोदी जी ने नॉर्थ ईस्ट में इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए और यहां के विकास के लिए लाखों-करोड़ों रुपये खर्च किए हैं। कांग्रेस पार्टी ने नॉर्थ ईस्ट का पूरा ताना-बाना बिखेरने का काम किया है। कांग्रेस सरकार में नॉर्थ ईस्ट में सैकड़ों हत्यारे ग्रुप बन चुके थे, जो पूरे देश के खिलाफ काम करते थे। मोदी जी यहां के विकास के लिए घोषणा की कि अष्टलक्ष्मी के हर राज्य में एयरपोर्ट होगा, ट्रेन कनेक्टिविटी होगी। आज नॉर्थ ईस्ट का बोगीबील ब्रिज दुनिया भर के इंजीनियर देखने आते हैं। मोदी जी देश के एकमात्र ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो प्रधानमंत्री बनने के बाद 40 बार नॉर्थ ईस्ट का दौरा किया है और उसका तेज गति से विकास कर रहे हैं।

शाह ने कहा कि पहले की सरकारों में जो असम पहले आतंकवाद, आंदोलन और गोली बारी के लिए जाना जाता था आज भाजपा सरकार में वो असम रोजगार, विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए जाना जा रहा है। कांग्रेस सरकार में नॉर्थ ईस्ट में अलगाववाद हुआ था। कांग्रेस के शासन में भारत को तोड़ने की ये प्रक्रिया हुई थी और कांग्रेस मूक दर्शक बनी रही थी। उत्तर पूर्व में भारत को तोड़ने की ये प्रक्रिया हुई और कांग्रेस चुपचाप देखती रही। मोदी जी आकर भारत तोड़ने की प्रक्रिया को बंद करके, भारत को जोड़ने का काम किया है। जिन लोगों को भारत जोड़ना है उनके लिए उत्तर पूर्व में शांति और उत्तर पूर्व का विकास सर्वोपरि है।

शाह ने कहा कि यहां कार्य का रेखांकन होता है, यहीं पर भाजपा पूरे नॉर्थ ईस्ट की और असम के विकास की योजनाएं बनती हैं। दूसरी पार्टियों के लिए कार्यालय ईंट-पत्थर से बना हुआ मकान हो सकता है, लेकिन भाजपा के कार्यकर्ताओं के लिए ये एक मंदिर होता है। मुझे आज बहुत हर्ष है कि 2014 से लेकर 2022 के अल्प काल में आज पूरा नॉर्थ ईस्ट और हमारा असम विकास के रास्ते पर चल पड़ा है। मेरे जैसे कार्यकर्ता के लिए ये सौभाग्य का विषय है कि नॉर्थ ईस्ट का विकास और नॉर्थ ईस्ट में भाजपा का विकास दोनों एक साथ चले हैं।

जेपी नड्डा ने क्या कहा ?
जेपी नड्डा ने कहा कि पूरे देश में भाजपा ने 512 कार्यालय बनाने की प्रस्तावना रखी, जिसमें से 236 कार्यालयों का निर्माण हो चुका है और 154 कार्यालयों का निर्माण कार्य चल रहा है। आने वाले दिनों में पूरे देश सहित असम और नॉर्थ ईस्ट में भी भाजपा का भव्य कार्यालय होगा। एक समय ये राज्य जो 4 देशों से घिरा हुआ था, मुसीबत में पड़ा था। देश का नेतृत्व कमजोर था। लेकिन आज यही नॉर्थ-ईस्ट, यही असम मुख्य धारा में शामिल है और विकास की प्रक्रिया में मुख्य रूप से आगे बढ़ कर आ रहा है। एक समय में यह राज्य बंद से जाना जाता था। आज यह शांतिप्रिय और विकासशील प्रदेश है। यह नेतृ्त्व के अंतर के कारण हुआ है।

जेपी नड्डा ने कहा कि कांग्रेस सरकार में इसी नॉर्थ ईस्ट और असम की उपेक्षा होती थी। जब से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनें, उन्होंने नॉर्थ ईस्ट का 50 बार दौरा किया और इस राज्य को विकास की मुख्य धारा में लाकर खड़ा कर दिया। एक समय ऐसा आया था, जब असम का अस्तित्व खतरे में पड़ गया था। उस समय अमित शाह और हम खुद यहां आंदोलन कर रहे थे, नारा लगा रहे थे कि ‘दिल्ली हो या गुवाहाटी, अपना देश अपनी माटी’ विघटनकारी ताकतों ने हमारे ऊपर लाठी चार्ज किया था, उस समय हम असम के अस्तित्व के लिए लड़ने आए थे।

ये भी पढ़ें : अकेले हिंदी को राष्ट्र भाषा बनाने का कोई इरादा नहीं है : राहुल गांधी