एमएसपी पर तत्काल समिति गठित हो, ‘अनाज संकट’ पर श्वेत पत्र लाया जाए: कांग्रेस

एमएसपी पर तत्काल समिति गठित हो, ‘अनाज संकट’ पर श्वेत पत्र लाया जाए: कांग्रेस

नई दिल्ली। कांग्रेस ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के बारे में नीति आयोग के एक सदस्य के बयान को लेकर बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि यह किसानों को सरकार द्वारा दिए गए ‘विश्वासघात के घाव’ पर नमक रगड़ने की तरह है। पार्टी सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने सरकार से यह आग्रह भी किया कि सरकार …

नई दिल्ली। कांग्रेस ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के बारे में नीति आयोग के एक सदस्य के बयान को लेकर बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि यह किसानों को सरकार द्वारा दिए गए ‘विश्वासघात के घाव’ पर नमक रगड़ने की तरह है। पार्टी सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने सरकार से यह आग्रह भी किया कि सरकार को संयुक्त किसान मोर्चा से किए गए वादे के मुताबिक एमएसपी पर तत्काल समिति गठित करनी चाहिए और देश में चल रहे ‘अनाज संकट’ पर श्वेत पत्र लाना चाहिए।

हुड्डा ने संवाददाताओं से बातचीत में दावा किया कि देश में ‘अनाज संकट’ है क्योंकि बड़े पैमाने पर गेहूं निर्यात कर दिया गया और कई भाजपा शासित राज्यों ने भी केंद्र सरकार से गेंहू की मांग की है। उन्होंने एमएसपी की कानूनी गारंटी देने की मांग करते हुए कहा कि कांग्रेस, सरकार के ‘विश्वासघात’ के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा प्रस्तावित कार्यक्रमों का नैतिक समर्थन करती है।

संयुक्त किसान मोर्चा ने पिछले दिनों कहा था कि सरकार द्वारा इस कथित ”विश्वासघात” के विरोध में, 18 जुलाई को संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से 31 जुलाई – शहीद ऊधम सिंह के शहादत दिवस तक, देशभर में जिला स्तर पर ”विश्वासघात के खिलाफ विरोध” जनसभाओं का आयोजन किया जाएगा। हुड्डा ने कहा, ‘‘संयुक्त किसान मोर्चा के साथ जो समझौता हुआ था कि उसके तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य पर समिति बननी चाहिए थी।

अब तक अजय कुमार मिश्रा को मंत्री से हटाया भी नहीं गया। यह विश्वासघात है।’’ उन्होंने नीति आयोग के एक सदस्य के बयान का हवाला देते हुए कहा कि यह किसानों को दिए गए ‘विश्वासघात के घाव’ पर नमक रगड़ना है। उल्लेखनीय है कि नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने बुधवार को कहा कि कृषि फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य व्यवस्था तब तक जारी रहना चाहिए जब तक कि बाजार प्रतिस्पर्धी और कुशल न हो जाए, लेकिन इसे खरीद के अलावा अन्य किसी माध्यम से दिया जाना चाहिए।

एमएसपी के विषय को लेकर हुड्डा ने दावा किया, ‘‘28 मार्च को सरकार की तरफ से संयुक्त किसान मोर्चा के लोगों के पास फोन आया था कि समिति के लिए दो-तीन नाम दे दो। मोर्चा की तरफ से पूछा गया कि समिति को बनाने का मानदंड और अधिकार क्षेत्र क्या होगा? सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया। सरकार ने धोखा दिया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘वादा था कि 2022 तक किसानों की आय दोगुना की जाएगी, लेकिन यह तो हुआ नहीं, बल्कि किसानों का कर्ज और खर्च बढ़ गया। अब भाजपा के लोग किसानों की आय दोगुनी करने की बात ही नहीं करते। यह बड़ा धोखा किया गया है।’’ हुड्डा ने सरकार से आग्रह किया, ‘‘तत्काल एमएसपी पर समिति का गठन हो। अनाज संकट पर श्वेत पत्र लाए जाए ताकि पता चल सके कि 10 प्रदेशों के भंडार में कटौती क्यों करनी पड़ी।’’

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