हल्द्वानी: ‘घोड़े’ दबोचे, ‘गधों’ ने बताया माल कहां दबाया

हल्द्वानी: ‘घोड़े’ दबोचे, ‘गधों’ ने बताया माल कहां दबाया

हल्द्वानी, अमृत विचार। शहर में सवा करोड़ की मोबाइल चोरी की वारदात को अंजाम देने वाले घोड़ासन गैंग के कुछ ‘घोड़ों’ को पुलिस ने दबोच लिया है और ‘गधों’ ने भी उगल दिया है कि उन्होंने चोरी किए गए सवा करोड़ के मोबाइल कहां दबाया हैं। ये पहला मौका होगा, जब किसी राज्य की पुलिस …

हल्द्वानी, अमृत विचार। शहर में सवा करोड़ की मोबाइल चोरी की वारदात को अंजाम देने वाले घोड़ासन गैंग के कुछ ‘घोड़ों’ को पुलिस ने दबोच लिया है और ‘गधों’ ने भी उगल दिया है कि उन्होंने चोरी किए गए सवा करोड़ के मोबाइल कहां दबाया हैं। ये पहला मौका होगा, जब किसी राज्य की पुलिस घोड़ासन गैंग को माल समेत दबोचेगी और इसकी वजह बना एक मोबाइल नंबर। जबकि खासतौर पर मोबाइल चोरी करने वाला ये गैंग खुद मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करता।

बता दें कि घोड़ासन गैंग ने बीती 31 अगस्त को इंदौर में एक घड़ी के शोरूम को निशाना बनाते हुए 22 लाख की घड़ियां उड़ा दी थीं। इसके दस दिन बाद गैंग ने हल्द्वानी में नैनीताल रोड पर वन प्लस के शोरूम से सवा करोड़ के मोबाइल चोरी किए। गैंग को धर दबोचने के लिए तीन टीमों का गठन किया गया। एक टीम ने हल्द्वानी में पड़ताल शुरू की।

जबकि दूसरी टीम ने दिल्ली में डेरा डाला और तीसरी टीम बिहार पहुंच गई। बिहार के घोड़ासन से ताल्लुक रखने वाला ये गैंग चोरी का माल नेपाल में खपाता है और इसकी जानकारी पुलिस के पास थी। गैंग को ब्रेक करने में इंदौर पुलिस भी लगी थी, लेकिन बताया जाता है कि इंदौर पुलिस ने आरोपी तो दबोच लिया, लेकिन माल बरामद नहीं हुआ।

इधर, जांच में इंदौर पुलिस से दस दिन पीछे चल रही हल्द्वानी पुलिस पड़ताल में इंदौर पुलिस से आगे निकल गई। सूत्रों की मानें तो हल्द्वानी पुलिस ने गैंग के चार गुर्गों को धर दबोचा है। जबकि माल को ठिकाने वाले गैंग के ‘गधे’ भी पुलिस की चंगुल में हैं। इन्होंने पूछताछ में न सिर्फ ये बताया कि माल कहां छिपाया है, बल्कि माल बरामद भी करा दिया है।

इस पूरे वर्कआउट के पीछे एक मोबाइल नंबर के मिलने की बात सामने आ रही है। अब रविवार को हल्द्वानी पुलिस पूरे मामले का खुलासा कर सकती है। ये पहला मौका होगा, जबकि किसी राज्य की पुलिस गैंग को माल समेत दबोच कर अदालत में पेश करेगी।

हमारी टीमें वर्कआउट के करीब है। हमारी टीम को भेष बदल कर बेहद विषम परिस्थितियों में काम करना पड़ा। हम जल्द ही इस मामले का खुलासा करेंगे और वह भी आरोपियों व चोरी गए माल के साथ।
– भूपेंद्र सिंह धौनी, सीओ सिटी, हल्द्वानी

महाराष्ट्र और राजस्थान पुलिस भी नहीं कर सकी कारनामा
हल्द्वानी। घोड़सन गैंग को चादर गैंग के नाम से भी जाना जाता है और इस गैंग ने देश के तमाम राज्यों में वारदात को अंजाम दिया है। इस गैंग की खास बात ये है कि ये वारदात को तो एक साथ अंजाम देते हैं, लेकिन वारदात के बाद ये दो टुकड़ों में बट जाते हैं। सार्वजनिक परिवहन और मोबाइल इस्तेमाल न करने की वजह से इन्हें अब तक माल समेत पकड़ पाना मुश्किल था। महाराष्ट्र पुलिस ने भी इन्हें गिरफ्तार किया, लेकिन माल बरामद नहीं हुआ। जबकि राजस्थान पुलिस की जांच में यह सामने आया था कि चोरी के मोबाइल नेपाल में संचालित थे।

वारदात से दो घंटे पहले इंदौर और हल्द्वानी में एक्टिव था नंबर
हल्द्वानी। घोड़ासन गैंग को गिरफ्त में लाने के लिए पुलिस को पसीना बहाना पड़ा। अनगिनत सीसीटीवी फुटेज खंगालने पड़े और भेष बदल कर चोरों की रेकी करनी पड़ी। सर्विलांस टीम को हजारों नंबरों में उलझना पड़ा, तभी सर्विलांस टीम के हाथ एक अहम नंबर लगा। ये नंबर हल्द्वानी में घटना से दो घंटे पहले तक एक्टिव था और फिर स्विच ऑफ हो गया। पुलिस ने अपनी पड़ताल आगे बढ़ाई और जब इंदौर घटना की परतें खंगाली तो पता लगा कि ठीक यही नंबर इंदौर में भी वारदात के दो घंटे पहले तक एक्टिव था और फिर स्विच ऑफ हो गया।