बरेली: हाल-ए-स्वास्थ्य व्यवस्था, यहां तो मरीजों से ज्यादा एंबुलेंस की हालत गंभीर

बरेली: हाल-ए-स्वास्थ्य व्यवस्था, यहां तो मरीजों से ज्यादा एंबुलेंस की हालत गंभीर

बरेली, अमृत विचार। जिले में मरीजों से ज्यादा एंबुलेंस की हालत गंभीर है। इनमें आवश्यक दवाएं तो दूर ऑक्सीजन की सुविधा तक नहीं है। ऐसे में प्राथमिक इलाज के अभाव में कई गंभीर मरीज रास्ते में ही दम तोड़ रहे हैं। सरकार सालाना करोड़ों रुपये एंबुलेंस चलाने वाली संस्था जीवीकेएमआरआई को भुगतान कर रही है …

बरेली, अमृत विचार। जिले में मरीजों से ज्यादा एंबुलेंस की हालत गंभीर है। इनमें आवश्यक दवाएं तो दूर ऑक्सीजन की सुविधा तक नहीं है। ऐसे में प्राथमिक इलाज के अभाव में कई गंभीर मरीज रास्ते में ही दम तोड़ रहे हैं। सरकार सालाना करोड़ों रुपये एंबुलेंस चलाने वाली संस्था जीवीकेएमआरआई को भुगतान कर रही है लेकिन संस्था एंबुलेंस के रखरखाव पर ध्यान नहीं दे रही है।

जिले में एंबुलेंस की कुल संख्या 88 है, जिसमें से 43 एंबुलेंस 102 व 43 एंबुलेंस 108 हैं। दो एडवांस लाइफ सपोर्ट मौजूद हैं। 88 में से करीब 10 एंबुलेंस की हालत बिल्कुल खराब है। यह चलते-चलते कब बंद हो जाएं, इसका कुछ पता नहीं। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए एंबुलेंस में रस्से जरूर रखे हैं ताकि खराबी आने पर उसे खींचकर अस्पताल तक पहुंचाया जा सके। मरीजों को प्राथमिक उपचार के लिए जरूरी दवाएं भी एंबुलेंस में मौजूद नहीं हैं। एंबुलेंस में सबसे महत्वपूर्ण ऑक्सीजन सिलेंडर तक गायब है। ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए वाहन में लगी सप्लाई चोक पड़ी है। एसी खराब होने के साथ ही फर्स्ट एड बॉक्स भी टूट चुके है।

  • 43 एंबुलेंस हैं जिले में 108 नाम से
  • 10 एंबुलेंस कंडम हालत में कर रहीं काम

108 के लिए तय मानक

  • रोगी के लिए वातानूकूलित एसी एंबुलेंस
  • प्राथमिक इलाज के लिए प्रशिक्षित पैरामेडिकल स्टाफ
  • ऑक्सीजन सिलेंडर और फिल्टर की व्यवस्था
  • जहर खाने के मामले में उल्टी कराने के उपकरण
  • पल्स ऑक्सीमीटर, ग्लूकोमीटर, बीपी मापने का यंत्र

एंबुलेंस में होने वाली आवश्यक दवाइयां

  • सोर्बिट्रेट,
  • डेबिन 5,
  • 10 एमजी,
  • मसोप्रोस्ट 100 एमजी,
  • बसकोपन,
  • वोवेराल,
  • पैरासिटामोल,
  • लैवसिस

यह इंजेक्शन आवश्यक

  • एप्सोलिन
  • गिटोसिनेनिन,
  • ऑक्सीटोरियन,
  • पेरीनाम,
  • रेंटेक,
  • एड्रनेलिन,
  • एट्रोपिन मेफेटिनाइन,
  • डेकाड्राइन,
  • कामपोज,
  • हाइड्रोकार्टिसोन,
  • डीएनएस आईवी फ्लूड,
  • रिंगर्स,
  • लेक्टेट आईवी फ्लूड

गाड़ियों को समय-समय पर मरम्मत के लिए भेजा जाता है। इनकी जांच होती है लेकिन कुछ गाड़ियां फिर भी रह जाती हैं जिन एंबुलेंस में खराबी है, उनकी सूची बनाकर प्रभारी को जल्द सुधरवाने को लेकर निर्देश दिए जाएंगे। -डा. बलवीर सिंह, सीएमओ

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