EID-E-Milad-Un-Nabi 2022: आज है ईद-ए-मिलाद-उन-नबी, जानें क्यों और कैसे मनाया जाता है ये दिन
नई दिल्ली। आज ईद-ए-मिलाद-उन-नबी का त्योहार मनाया जा रहा है। इस त्योहार को बारावफात भी कहा जाता है। इसीलिए मुस्लिम समुदाय के लोग ये पर्व बड़े ही धूम-धाम से मनाते हैं। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू ने पैगंबर मोहम्मद (स.) के जन्मदिन, मिलाद-उन-नबी के पावन अवसर पर देशवासियों को मुबारकबाद दी …
नई दिल्ली। आज ईद-ए-मिलाद-उन-नबी का त्योहार मनाया जा रहा है। इस त्योहार को बारावफात भी कहा जाता है। इसीलिए मुस्लिम समुदाय के लोग ये पर्व बड़े ही धूम-धाम से मनाते हैं। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू ने पैगंबर मोहम्मद (स.) के जन्मदिन, मिलाद-उन-नबी के पावन अवसर पर देशवासियों को मुबारकबाद दी है।
दुनियाभर में ईद मिलाद उन-नबी एक ऐसा त्योहार है जो इस्लाम के मानने वाले हर व्यक्ति के लिए खास महत्व रखता है। यह त्योहार भारत समेत दुनियाभर के कई देशों में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। कई जगहों पर इसे ईद-ए-मिलाद (Eid-e-Milad) या मालविद (Mawlid) नाम से भी जाना जाता है। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार (miladi nabi) इस्लाम के तीसरे महीने यानि मिलाद उन-नबी शुरुआत हो चुकी है। इस माह की 12 तारीख को 571ई. में पैंगबर साहब का जन्म हुआ था. इस दिन (milad un nabi 2022 date) को दुनियाभर में खासतौर पर भारतीय उपमहाद्वीप में बड़े ही धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
ईद मिलाद उन-नबी की तारीख
इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार इस साल 9 अक्टूबर को ईद मिलाद उन-नबी (milad un nabi 2022 date) का त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन लोग मोहम्मद साहब के जन्मदिन (prophet’s birthday) के मौके पर उनकी याद में जुलूस निकालते हैं।
ईद मिलाद उन-नबी का इतिहास
कहा जाता है कि पैगंबर मोहम्मद साहब का जन्म मक्का में इस्लामिक कैलेंडर के तीसरे माह की 12वीं तारीख को हुआ था। उनके जन्मदिन को मिलाद उन-नबी के नाम से बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। पैगंबर मोहम्मद साहब का पूरा नाम पैगंबर हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहुअ अलैही वसल्लम था। उनकी मां का नाम अमीना बीबी और पिता का नाम अब्दुलाह था। मान्यता है कि पैगंबर हजरत मोहम्मद ही थे जिन्हें अल्लाह ने सबसे पहले पवि. कुरान अता की थी. फिर पैगंबर साहब ने पवित्र कुरान का संदेश जन-जन तक पहुंचाया. हजरत मोहम्मद साहब का कहना था कि सबसे नेक इंसान वही है, जिसमें मानवता होती है।
ईद मिलाद उन-नबी का महत्व
पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन को ईद मिलाद उन-नबी का के रूप में मनाया जाता है। ईद मिलाद उन-नबी के मौके पर रातभर प्राथनाएं होती हैं और जगह-जगह जुलूस भी निकाले जाते हैं। इस्लाम को मानने वाले इस दिन हजरत मोहम्मद के पवित्र वचनों को पढ़ते हैं। घरों में व मस्जिदों में कुरान पढ़ी जाती है। ईद मिलाद उन-नबी के मौके पर घर और मस्जिद को सजाया जाता है और मोहम्मद साहब के संदेशों को पढ़ा जाता है। साथ ही गरीबों में दान भी दिया जाता है। इस्लामिक धर्म के अनुसार मान्यता है कि ईद मिलाद उन-नबी के दिन दान और जकात जरूर करना चाहिए।