CWG 2022 : कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय महिला टीम ने रचा इतिहास, लॉन बॉल्स में पहली बार जीता गोल्ड मेडल

CWG 2022 : कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय महिला टीम ने रचा इतिहास, लॉन बॉल्स में पहली बार जीता गोल्ड मेडल

बर्मिंघम। कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारतीय महिला टीम ने इतिहास रच दिया है। कॉमनवेल्थ गेम्स के पांचवें दिन लॉन बॉल्स इवेंट के फाइनल मुकाबले में भारत ने साउथ अफ्रीका को 17-10 से हराकर गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया है। 92 साल के इतिहास में यह पहली बार हुआ है जब भारत ने इस इवेंट …

बर्मिंघम। कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारतीय महिला टीम ने इतिहास रच दिया है। कॉमनवेल्थ गेम्स के पांचवें दिन लॉन बॉल्स इवेंट के फाइनल मुकाबले में भारत ने साउथ अफ्रीका को 17-10 से हराकर गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया है। 92 साल के इतिहास में यह पहली बार हुआ है जब भारत ने इस इवेंट में कोई मेडल जीता हो, वह भी अब सीधा गोल्ड मेडल हाथ लगा है। भारत का इन कॉमनवेल्थ गेम्स में यह चौथा स्वर्ण और कुल 10वां पदक है। भारत राष्ट्रमंडल खेल 2022 में अब तक चार स्वर्ण, तीन रजत और तीन कांस्य सहित 10 पदक जीत चुका है।

लवली चौबे, रूपा रानी टिर्की, पिंकी और नयनमोनी सैकिया की फोर्स टीम दक्षिण अफ्रीका को 17-10 से मात दी। भारत ने इससे पहले राष्ट्रमंडल खेलों में लॉन बॉल में एक भी पदक नहीं जीता था। तीन एंड की समाप्ति के बाद दक्षिण अफ्रीका 2-1 से आगे चल रही थी, लेकिन भारत ने चौथे एंड की समाप्ति पर 2-2 की बराबरी कर ली और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। हर एंड के साथ भारत अपनी बढ़त में इजाफा करता गया। सात एंड के बाद भारत ने 8-2 की बढ़त बना ली थी।

दक्षिण अफ्रीका ने इसके बाद वापसी करते हुए अगले चार राउंड में आठ पॉइंट लिए और 11वें एंड में दक्षिण अफ्रीका ने भारत पर 10-8 की बढ़त बना ली। इससे पहले कि मैच हाथ से निकलता, भारतीय महिलाओं ने 12वें, 13वें और 14वें एंड में सात पॉइंट की विशाल छलांग लगाते हुए दक्षिण अफ्रीका को 15-10 से पीछे छोड़ दिया। 15वें और आखिरी एंड में दक्षिण अफ्रीका को जीतने के लिए छह पॉइंट हासिल करने थे लेकिन ऐसा हो न सका और भारत ने अपने स्कोर में दो पॉइंट और जोड़ते हुए मैच 17-10 पर समाप्त किया। इस ऐतिहासिक जीत में भारतीय टीम की अगुवाई लवली चौबे ने की जो झारखंड पुलिस में कॉन्सटेबल हैं, जबकि रांची में रहने वाली रूपा रानी टिर्की राज्य के खेल विभाग में काम करती हैं।

टीम की तीसरी खिलाड़ी पिंकी नई दिल्ली के आरके पुरम में दिल्ली पब्लिक स्कूल की खेल शिक्षिका हैं। उन्होंने दिल्ली में हुए राष्ट्रमंडल खेल 2010 से लॉन बॉल खेलना शुरू किया था, और वह तब से हर राष्ट्रमंडल खेल में भारत का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। नयनमोनी सैकिया असम के एक काश्तकार परिवार से आती हैं और राज्य के वन विभाग में कार्यरत हैं। इन चारों खिलाड़ियों ने इतिहास रचते हुए लॉन बॉल फोर्स प्रतियोगिता में भारत को पहला राष्ट्रमंडल पदक दिलाया है।

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