प्रदेशों के बीच सहकार

प्रदेशों के बीच सहकार

देश आजादी की 75 वीं सालगिरह मना रहा है। ऐसे में राज्यों को चुस्त, लचीला और आत्मनिर्भर करने और सहकारी संघवाद की भावना के अनुरूप ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में बढ़ने की जरूरत पर बल दिया जा रहा है। वैसे भी वर्ष 2023 भारत के लिए महत्वपूर्ण होगा। इस वर्ष भारत में जी-20 सम्मेलन का …

देश आजादी की 75 वीं सालगिरह मना रहा है। ऐसे में राज्यों को चुस्त, लचीला और आत्मनिर्भर करने और सहकारी संघवाद की भावना के अनुरूप ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में बढ़ने की जरूरत पर बल दिया जा रहा है। वैसे भी वर्ष 2023 भारत के लिए महत्वपूर्ण होगा। इस वर्ष भारत में जी-20 सम्मेलन का आयोजन भारत की अध्यक्षता में होगा। एक स्थिर, टिकाऊ और समावेशी भारत के निर्माण की दिशा में रविवार को नीति आयोग की शासी परिषद की सातवीं बैठक कोविड-19 महामारी की पृष्ठभूमि में भारत द्वारा जी20 की अध्यक्षता और शिखर सम्मेलन की मेजबानी को लेकर खास रही।

बैठक में फसलों के विविधीकरण, शहरी प्रशासन, उच्च शिक्षा और ‘2047 में भारत ‘ पर व्यापक रूप से विचार विमर्श किया गया। जी-20 मंच पर प्रगति को रेखांकित करने में राज्यों की भूमिका पर भी जोर दिया गया। आमतौर पर पूर्ण परिषद की बैठक हर साल होती है लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण वर्ष 2020 में बैठक नहीं बुलाई गई थी। बैठक में केंद्र और राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के बीच संघवाद की भावना के अनुरूप माहौल बनाने, अमृत काल में देश की विकास यात्रा में चुनौतियों की पहचान करने और उनका समाधान तलाशने पर जोर दिया गया। बैठक के एजेंडे में तिलहन और दालों में आत्मनिर्भर बनना भी शामिल रहा।

हालांकि बैठक में दो बड़े नेता तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल नहीं हुए। तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने केंद्र पर राज्यों के साथ भेदभावपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए बैठक का बहिष्कार किया। वे केंद्र की नीतियों पर सवाल खड़े कर रहे हैं। वहीं नीति आयोग ने बैठक में शामिल न होने के उनके फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक में उत्तर प्रदेश के विकास की तस्वीर पेश की।

उन्होंने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डालर का आकार देने की दिशा में उठाए गए कदमों का भी उल्लेख किया। दरअसल नीति आयोग केंद्र सरकार के थिंक टैंक के रूप में काम करता है। नीति आयोग की शासी परिषद में सभी राज्यों और संघ राज्यक्षेत्रों के मुख्यमंत्रियों के साथ अन्य संघ राज्यक्षेत्रों प्रदेशों के विधानमंडल और उप-राज्यपाल शामिल हैं। कहा जा सकता है कि नीति आयोग की शासी परिषद केंद्र सरकार और राज्यों की सरकारों के बीच विचार-विमर्श का सबसे अहम मंच है। उम्मीद है कि बैठक स्थिर, टिकाऊ और समावेशी भारत के निर्माण की दिशा में केंद्र और राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के बीच सहयोग और सहकार के एक नए युग की दिशा में तालमेल का रास्ता खोलेगी।