कॉमेडियन विभोर हुए भाव-विभोर जब पहुंचे हल्द्वानी, हाल-ए-शहर और सरकार पर ली चुटकी

कॉमेडियन विभोर हुए भाव-विभोर जब पहुंचे हल्द्वानी, हाल-ए-शहर और सरकार पर ली चुटकी

भूपेश कन्नौजिया, हल्द्वानी। बाबा नीब करौरी के दर्शन को पहुंचे स्टैंड अप कॉमेडी शो के बाजीगर विभोर चौधरी ने कुछ समय हल्द्वानी में भी बिताए और इस दौरान उन्होंने अमृत विचार से खास बातचीत भी की। आम जनता से जुडे़ मुद्दों को अपने तल्ख तेवरों, कटाक्ष और हास्य-व्यंग्य के माध्यम से उठाने वाले विभोर की …

भूपेश कन्नौजिया, हल्द्वानी। बाबा नीब करौरी के दर्शन को पहुंचे स्टैंड अप कॉमेडी शो के बाजीगर विभोर चौधरी ने कुछ समय हल्द्वानी में भी बिताए और इस दौरान उन्होंने अमृत विचार से खास बातचीत भी की। आम जनता से जुडे़ मुद्दों को अपने तल्ख तेवरों, कटाक्ष और हास्य-व्यंग्य के माध्यम से उठाने वाले विभोर की मिमिक्री के अंदाज से कौन वाकिफ नहीं है।

सोनी चैनल में प्रसारित होने वाले लाफ्टर चैलेंज, टीवी 18 के कार्यक्रम लपेटे में नेता जी और गुड न्यूज में दर्शकों को गुदगुदाने के अलावा अपने यूट्यूब चैनल पर रोजाना कोई न कोई फुलझड़ी छोड़ने वाले इस कलाकार का कहना है कि कॉमेडी का मतलब केवल हंसी-मजाक ही नहीं बल्कि एक माध्यम है जो आपको सोचने पर विवश करे और सुधारात्मक रवैये की ओर उन्मुख करे।

आपको बता दें कि विभोर मुजफ्फरनगर के रहने वाले हैं। अपने करियर की शुरुआत 2014 में हास्य कविताएं, हास्य गीत आदि के लेखन से शुरू किया। उनका पहला टीवी शो हंसाने का मुखिया कौन 2017 में आया। इसके बाद 2019 में देश के राष्ट्रीय न्यूज चैनल पर डा. कुमार विश्वास के साथ कवि सम्मेलन शो में भाग लिया, जिसमें वह योगी आदित्यनाथ, राजनाथ, मायावती, पीएम मोदी और अमित शाह का किरदार अदा कर चुके हैं। उनका पसंदीदा किरदार स्मृति ईरानी और अरविंद केजरीवाल हैं।

विभोर के साथ बातचीत के अंश

प्रश्न – आप मुजफ्फरपुर से मुंबई पहुंचे, कितना कठिन है एक आम चेहरे के लिए जगह बना पाना, क्या किसी गॉडफादर का होना जरुरी है?
उत्तर – स्ट्रगल के साथ किसी का आर्शीवाद हो तो बात ही क्या पर हां यदि एक बार आप सक्सेस हो गए तो फिर आपको कोई रोकने वाला नहीं।

प्रश्न – स्टैंड अप कॉमेडी में आज फूहड़ता का तड़का है, कितना हिट होता है ये फार्मूला, क्या लाइफ साइकिल है ऐसी कॉमेडी की?
उत्तर – डबल मिनिंग कॉमेडी ज्यादा नहीं चलती, ऐसी कॉमेडी का कोई फायदा नहीं जो परिवार के साथ बैठ कर देख न सकें, हैडफोन लगाने पडें, कॉमेडी ऐसी हो जिसका फायदा हो, समाज हित में हो और हां फूहड कॉमेडी की बस चार दिन की चांदनी होती है और एक स्वच्छ कॉमेडी ताउम्र जीवित रहती है आपको सम्मान के साथ दर्शकों का प्यार देती है।

प्रश्न – नेपोटिज्म को लेकर आप क्या कहना चाहेंगे…
उत्तर – देखिए ये होता है मैं मानता हूं लेकिन हर बार नहीं, सबसे बड़ी है पब्लिक, हर चीज को स्टेबल होने में वक्त लगता है। मौका हाथ से नहीं जाने देना चाहिए छोटी-छोटी चीजों को पकड़ते हुए आगे बढ़ना चाहिए। और हां ईगो भी आड़े आ ही जाता है क्योंकि आप मेहनत कर के जब कामयाबी पाते हैं तो यह स्वाभाविक है पर इसे अपने ऊपर हावी नहीं होने देना चाहिए। बाकी न्यू कमर को इस सोच के साथ नहीं चलना चाहिए उसे बस निरंतरता बरकरार रखनी चाहिए, वह पहले ही अगर सोच लेगा तो फिर उठने में बहुत परेशानी होगी। अपने रिलेशन और टैलेंट को इस्तेमाल जरूर करें ये आज की जिंदगी का अहम हिस्सा है।

प्रश्न – सुनने में आ रहा है कि आप 2022 लास्ट तक बॉलीवुड फिल्मों में नजर आने वाले हैं..!
उत्तर – अभी क्या बताऊं पर हां, हो सकता है कि ये सच हो जाए.. कोई भी रोल करने में कंफर्ट हूं..और फिल्में करना मेरा पैशन है, देखते हैं कब मौका मिलता है।

प्रश्न – राजनेताओं की मिमिक्री में आपको महारत हासिल है..कितना मजा आता है आपको और कौन सा नेता आपका पसंदीदा है?
उत्तर – देखिए नेताओं से बहुत आइडिया मिल जाते हैं, मुझे सच में नेताओं की नकल उतारने में बहुत आनंद आता है, मेरा पसंदीदा नेता जिनकी नकल करना ज्यादा पसंद हैं उनमें स्मृति ईरानी, मनोहर पार्रिकर अरविंद केजरीवाल शामिल हैं।

प्रश्न – उत्तराखंड पहुंचे हैं हल्द्वानी कैसा लगा, जवाब आपके स्टाइल में चाहिए..
उत्तर – अरे भाईसाहब, हल्द्वानी तो बरसात में वेनिस लग रहा है प्रशासन और यहां के नगर निगम के अधिकारियों को चाहिए की वेनिस तो ठीक है पर इसे वैनिश होने से बचा लीजिए..कुमाऊं का पहला अंचल है इसकी खूबसूरती को बचाना जरूरी है…

प्रश्न – बात करें उत्तराखंड सरकार की तो क्या कहना चाहेंगे और हां बढ़ती महंगाई को लेकर भी दो पंक्तियां अगर कह दें तो मजा आ जाए..
उत्तर – देखिए तमाम रावतों के बाद अब मोदी जी ने धामी जी को बागड़ोर सौंपी है और कहा कि डबल इंजन तो लगा दिया काम न आया लेकिन अब पुष्कर ही सरकार को “पुश” कर आगे बढ़ाएंगे और रावतों का सिलसिला तो आने जाने में लगा है आज कांग्रेस में तो कल बीजेपी में जनता बेचारी भूल जाती है कि ये वाले रावत जी अब कांग्रेस में हैं या बीजेपी में.. खैर आपने महंगाई को लेकर बात की तो इतना कहना चाहूंगा कल खाना बना रहा था तो सिलिंडर बोला ओए न खाऊंगा न खाने दूंगा..हा..हा..हा..हा…

प्रश्न – आपकी ट्रेन का वक्त हो गया है..जाते-जाते एक आखरी प्रश्न… राजनीति आपके लिए क्या है?
उत्तर – सीधा और बेबाक जवाब दूंगा कि राजनीति में सहानुभूति नहीं है बल्कि सहानुभूति में राजनीति है, चलिए अमृत विचार से बातचीत कर अच्छा लगा और हां पत्रकार बंधु सरकार पर न लिखना वरना जेल की हवा खानी पड़ सकती है।