अकाल तख्त के जत्थेदार का दावा: पीएम मोदी के फैसले ने बड़ी साजिश पर फेरा पानी, सिख, सरकार और हिंदुओं को लड़ाने की हो रही थी कोशिश

चंडीगढ़। एक साल तक चले शांतिपूर्वक किसान आंदोलन के बाद पीएम मोदी द्वारा शुक्रवार को तीन कृषि कानून वापस लेने का फैसला सुनाया गया। पीएम मोदी के फैसले के बाद सिखों की सुप्रीम संस्था श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कुछ लोग किसान आंदोलन की आड़ में सिख वर्सेज भारत …
चंडीगढ़। एक साल तक चले शांतिपूर्वक किसान आंदोलन के बाद पीएम मोदी द्वारा शुक्रवार को तीन कृषि कानून वापस लेने का फैसला सुनाया गया। पीएम मोदी के फैसले के बाद सिखों की सुप्रीम संस्था श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कुछ लोग किसान आंदोलन की आड़ में सिख वर्सेज भारत सरकार और सिख वर्सेज हिंदू बनाना चाहते थे। वहीं, पीएम मोदी के तीन कृषि कानून वापस लेने के फैसले ने इन लोगों के मंसूबों पर पानी फेर दिया है। कानून वापस होने के कारण इक बड़ी विपदा टल गई है।
सिख सोच, निशान और इतिहास को कर रहे थे दरकिनार
जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि किसान आंदोलन में कुछ किसानों के ग्रुप ऐसे थे जो सिखों की सोच, निशान, इतिहास और भावनाओं को बिल्कुल ही अलग कर रहे थे। साथ ही कुछ ग्रुप ऐसे भी थे जो भारत सरकार और हिंदूओं के बीच लड़ाई कराना चाह रहे थे।
आंदोलन में जिन किसानों की जान गईं, उनका हमेशा अफसोस रहेगा
आंदोलन के दौरान कुछ जिंदगी गई हैं, उनका हमेशा अफसोस रहेगा। बहुत बड़ी मात्रा में इस आंदोलन में विदेशी सिखों का पैसा खर्च हुआ। इस आंदोलन में जो लोग शामिल हुए, वह सिख परिवार थे। सिखों ने आर्थिक मदद और सहूलियत के रूप में जी-जान से इसमें योगदान दिया। हम हमेशा चाहते हैं कि भारत के अंदर सिख अच्छे ढंग से जिंदगी बिताएं। हिंदू सिख का रिश्ता मजबूत रहे, इसके लिए हमेशा कोशिश करते रहे हैं।
द्वेष पैदा करके राजनीतिक जमीन मजबूत करने की भी कोशिश
उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों के विरोध की आड़ में कुछ शरारती लोग भाईचारक बंटवारा करने की कोशिश कर रहे थे। वहीं कुछ अपनी राजनीतिक जमीन को मजबूत करने की कोशिश कर रहे थे। वह सिख भावनाओं को कमजोर करके सिख इतिहास को निशाने पर ले रहे थे। सिख निशान उन्हें चुभ रहा था। इसके लिए पीएम नरेंद्र मोदी की जितनी तारीफ हो, करनी बनती है।
CM सिख या हिंदू होने को सेकेंडरी कह चुके
इससे पहले भी ज्ञानी हरप्रीत सिंह का एक बयान आया था कि पंजाब में CM सिख हो या हिंदू, यह सेकेंडरी है। पंजाब के पहले हिंदू CM न बन पाने के बाद कांग्रेस के पूर्व प्रधान सुनील जाखड़ ने उनके बयान को ट्वीट किया था। जिसमें उन्होंने कहा कि अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार के इन दूरदर्शी शब्दों के लिए इससे बेहतर वक्त नहीं हो सकता था। जब संकीर्ण सोच वाले छोटे लोगों ने हाई पोजिशन पाने के लिए पंजाब को वर्ग, जाति और पहचान के आधार पर बांटने की कोशिश की।
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