नागर विमानन मंत्रालय ने भारत-यूक्रेन के बीच उड़ानों की संख्या संबंधी प्रतिबंध हटाया
नई दिल्ली। नागर विमानन मंत्रालय ने द्विपक्षीय ‘एयर बबल’ समझौते के तहत भारत और यूक्रेन के बीच संचालित होने वाली उड़ानों की संख्या संबंधी प्रतिबंध हटा दिया है, ताकि पूर्वी यूरोपीय देश से भारतीय अपने देश आ सकें। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। रूस के साथ बढ़ते तनाव के कारण यूक्रेन में मौजूदा …
नई दिल्ली। नागर विमानन मंत्रालय ने द्विपक्षीय ‘एयर बबल’ समझौते के तहत भारत और यूक्रेन के बीच संचालित होने वाली उड़ानों की संख्या संबंधी प्रतिबंध हटा दिया है, ताकि पूर्वी यूरोपीय देश से भारतीय अपने देश आ सकें। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। रूस के साथ बढ़ते तनाव के कारण यूक्रेन में मौजूदा हालात के बीच, भारत ने अपने नागरिकों को यूक्रेन से अस्थायी रूप से लौटने की सलाह दी है।
अधिकारी ने बृहस्पतिवार को बताया कि मंत्रालय ने ‘एयर बबल’ प्रबंध के तहत भारत और यूक्रेन के बीच उड़ानों और सीट की संख्या से प्रतिबंध हटा दिया है। दोनों देशों के बीच चार्टर्ड उड़ानों समेत कितनी भी संख्या में उड़ानें संचालित की जा सकती हैं। उन्होंने बताया कि भारतीय विमानन कंपनियों से बढ़ती मांग के मद्देनजर यूक्रेन जाने वाली उड़ानों का प्रबंध करने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि मंत्रालय, विमान सेवा के संबंध में विदेश मंत्रालय के साथ समन्वय कर रहा है।
कीव में भारतीय दूतावास ने बुधवार को कहा था कि अतिरिक्त मांग को पूरा करने के लिए निकट भविष्य में और उड़ानों का प्रबंध करने की योजना बनाई जा रही है। उसने एक बयान में कहा था कि उसे यूक्रेन से भारत के लिये उड़ान उपलब्ध नहीं होने के बारे में कई फोन कॉल मिल रहे हैं, लेकिन छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे इससे परेशान नहीं हों और भारत यात्रा के लिये जल्द उपलब्ध उड़ान में बुकिंग करायें।
बयान में कहा गया था कि अभी यूक्रेन से यूक्रेनेनियन इंटरनेशनल एयरलाइन, एयर अरेबिया, फ्लाई दुबई और कतर एयरवेज की उड़ानें चल रही हैं। अतिरिक्त मांगों को पूरा करने के लिये आने वाले समय में और उड़ानों की योजना बनाई जा रही है। भारतीय दूतावास ने मंगलवार को भारतीय नागरिकों, खास तौर से छात्रों को सलाह दी कि वे मौजूदा हालात की अस्थिरता के मद्देनजर अस्थाई रूप से देश (यूक्रेन) छोड़ दें। दो देशों के बीच ‘एयर बबल’ समझौते के तहत उन देशों की विमानन कंपनियां निश्चित शर्तों का पालन करके एक दूसरे के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ान संचालित कर सकती हैं। इस समय भारत के 35 देशों के साथ ‘एयर बबल’ समझौते हैं।
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