बरेली: अधिवक्ता से रिश्वत लेने वाले दरोगा-कांस्टेबल की जमानत अर्जी निरस्त

बरेली, विधि संवाददाता, अमृत विचार। युवक-युवती का विवाह कराने वाले अधिवक्ता से रिश्वत मांगने वाले कालकाजी दक्षिणी पूर्वी दिल्ली थाने के दरोगा पवन कुमार यादव व कांस्टेबल कुलदीप यादव की जमानत अर्जी विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट-2 शिव कुमार-तृतीय ने निरस्त कर दी। विशेष लोक अभियोजक सौरभ तिवारी ने बताया कि नेकपाल सिंह एड़वोकेट ने …
बरेली, विधि संवाददाता, अमृत विचार। युवक-युवती का विवाह कराने वाले अधिवक्ता से रिश्वत मांगने वाले कालकाजी दक्षिणी पूर्वी दिल्ली थाने के दरोगा पवन कुमार यादव व कांस्टेबल कुलदीप यादव की जमानत अर्जी विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट-2 शिव कुमार-तृतीय ने निरस्त कर दी।
विशेष लोक अभियोजक सौरभ तिवारी ने बताया कि नेकपाल सिंह एड़वोकेट ने बदायूं एसएसपी को अर्जी देकर बताया था कि अब से करीब तीन माह पूर्व उनके चैंबर पर एक लड़का व लड़की आये और कहा कि हम लोग अपनी शादी का प्रार्थना पत्र सक्षम अधिकारी को दाखिल करना चाहते हैं, जिस पर उन्होंने एक प्रार्थना पत्र व शपथ पत्र लिखकर दिया, जो उनके द्वारा डाक द्वारा अपर जिलाधिकारी को भेजा गया।
लड़की के भागने का मुकदमा दिल्ली में लिखा गया, जिसकी विवेचना क्राइम ब्रांच दिल्ली में हो रही है। केस के विवेचक पवन राणा 13 मार्च को उनके घर आये और कहा कि आप इस मुकदमे में अभियुक्त हैं। अधिवक्ता ने कहा कि मैं कैसे अभियुक्त हो सकता हूं तो बताया कि आपने शपथ पत्र व आधार कार्ड बनाया तब वादी ने बताया कि उसने केवल प्रार्थना पत्र व शपथ पत्र लिखा, आधार कार्ड वह स्वयं लेकर आये थे।
इस पर विवेचक द्वारा कहा गया कि आप बचना चाहते हो तो 15 लाख रुपये हमे दो। असमर्थता जताने पर 12 लाख रुपये देने को कहा। दो लाख 14 मार्च व बकाया 10 लाख 15 मार्च को देने को कहा। मजबूरन अधिवक्ता ने हामी भरी। कप्तान से शिकायत करने पर सीओ सिटी व एसडीएम सदर के नेतृत्व में टीम का गठन कर अधिवक्ता से 1 लाख 60 हजार रुपये लेते हुए टीम ने दरोगा व कांस्टेबल को मौके से धर दबोचा था।
बदायूं के थाना सिविल लाइंस में पुलिस कर्मियो के विरुद्व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कर कोर्ट के आदेश पर दोनों को जेल भेजा गया था।
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