बरेली: कम छात्र संख्या वाले स्कूल अब एक ही पाली में खुलेंगे

बरेली: कम छात्र संख्या वाले स्कूल अब एक ही पाली में खुलेंगे

बरेली, अमृत विचार। कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम होने के बाद शिक्षा विभाग कक्षाओं के संचालन को लेकर लगातार नियमों में बदलाव कर रहा है। अब तक दो पालियों में चलने वाले कम छात्र संख्या वाले माध्यमिक स्कूल एक पाली में ही संचालित किए जाएंगे। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने दिशा-निर्देश जारी …

बरेली, अमृत विचार। कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम होने के बाद शिक्षा विभाग कक्षाओं के संचालन को लेकर लगातार नियमों में बदलाव कर रहा है। अब तक दो पालियों में चलने वाले कम छात्र संख्या वाले माध्यमिक स्कूल एक पाली में ही संचालित किए जाएंगे। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों को एक पाली में और अधिक संख्या वाले विद्यालयों को दो पाली में संचालित किया जा सकता है। कोरोना महामारी को देखते हुए विद्यालयों में सामाजिक दूरी का पालन सुनिश्चित करना होगा।

जिला विद्यालय निरीक्षक डा. अमरकांत सिंह ने बताया कि अभी तक कक्षा नौ से 12 तक के माध्यमिक विद्यालयों को दो पाली में सुबह 8 से दोपहर 12 बजे तक और दोपहर 12:30 से शाम 04:30 बजे तक खोले जाने के निर्देश शासन स्तर से दिए गए थे। अब कोरोना संक्रमण दर नियंत्रित होने से छात्रहित में शासन स्तर से निर्णय लिया गया कि प्रदेश के सभी बोर्ड के कक्षा नौ से 12 तक के माध्यमिक विद्यालयों को स्थानीय परिस्थितियों, विद्यालय भवन, शिक्षण कक्षों के आकार और उपलब्ध संसाधनों का आंकलन करते हुए विद्यालयवार योजना बनाकर पठन-पाठन के लिए खोला जाना है जिन विद्यालयों में छात्र संख्या कम है और विद्यार्थियों को सामाजिक दूरी का पालन कराया जा सकता है, उसे एक पाली में सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक संचालित किया जाना है जिन स्कूलों में छात्र संख्या अधिक है, उनमें कोरोना प्रोटोकाल का पालन कराना संभव नहीं है। इसमें यथावत दो पाली में कक्षाओं का संचालन करना है।

शिक्षक संघ ने की थी मांग
दो पालियों में शिक्षण कार्य कराए जाने का विरोध माध्यमिक शिक्षक संघ लंबे समय से कर रहा था। इसके लिए प्रदेश स्तर पर कई बार आंदोलन हुए। माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष डा. नरेश वर्मा ने बताया कि दो पालियों में चलने वाले विद्यालयों में भी यह नियम लागू कराने को प्रयास किया जाएगा। बहरहाल शासन की ओर से हुआ यह बदलाव सराहनीय है। इससे काफी हद तक शिक्षकों को राहत मिलेगी।