बरेली: 22 सफाई कर्मचारियों का वेतन रोका, 24 को नोटिस

बरेली: 22 सफाई कर्मचारियों का वेतन रोका, 24 को नोटिस

बरेली, अमृत विचार। गावों में तैनात कई सफाईकर्मी महीनों से कार्यस्थल पर नहीं पहुंचे हैं तो वहीं कई बिना कारण बताए नदारद हैं। डीपीआरओ ने गांव में तैनात ऐसे 22 लापरवाह सफाई कर्मियों पर कार्रवाई करते हुए वेतन रोकने के साथ इनकी एक वेतन वृद्धि भी रोक दी। इसके अलावा बिना सूचना के गायब चल …

बरेली, अमृत विचार। गावों में तैनात कई सफाईकर्मी महीनों से कार्यस्थल पर नहीं पहुंचे हैं तो वहीं कई बिना कारण बताए नदारद हैं। डीपीआरओ ने गांव में तैनात ऐसे 22 लापरवाह सफाई कर्मियों पर कार्रवाई करते हुए वेतन रोकने के साथ इनकी एक वेतन वृद्धि भी रोक दी। इसके अलावा बिना सूचना के गायब चल रहे 24 सफाई कर्मियों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है।

जिले में 1193 ग्राम पंचायते हैं। इनमें अधिकांश ग्राम पंचायतें ऐसी हैं जहां तैनात सफाई कर्मी महीनों से गांव नहीं पहुंचे। बड़ी संख्या में अधिकारियों के यहां उन्होंने अटैचमेंट करा लिया तो कई अर्दली बन गए। कई ऐसे भी हैं जो बिना किसी कारण के लंबे समय से विभाग में बिना सूचना दिए छुट्टी पर हैं। इनकी अनुपस्थिति की जानकारी विभाग को भी नहीं रहती। इसका खुलासा डीपीआरओ की ओर से कराए सत्यापन में हुआ। कई महीने से अलग-अलग ब्लॉक के 22 सफाई कर्मचारी ग्राम पंचायतों में सफाई करने नहीं जा रहे थे।

विभाग को इनकी तरफ से किसी तरह की सूचना नहीं दी गई। सत्यापन में जब सफाई कर्मचारी गांव में नहीं मिले तो इनको नोटिस देकर जवाब मांगा गया था। फिर भी सफाई कर्मचारी हरकत में नहीं दिखे जिस पर डीपीआरओ धर्मेंद्र कुमार ने इन लापरवाह 22 सफाई कर्मियों का वेतन रोकने के साथ ही वेतन वृद्धि दोनों पर रोक लगा दी। इसके अलावा जिन 24 सफाई कर्मियों को नोटिस भेजा गया है। इनका जवाब भी अगर संतोषजनक नहीं मिला तो कार्रवाई होगी।

गांव की सफाई भूलकर ‘नेतागिरी’ में लगे
जिले के तमाम सफाई कर्मचारी ऐसे भी हैं जो खुद की राजनीति चमकाने के लिए किसी न किसी संगठन से जुड़े हैं। इसका वह खूब फायदा भी उठा रहे हैं। मांगों को लेकर आंदोलन हो या अन्य कोई संगठन से जुड़ा कार्यक्रम वह अपना मूल कार्य छोड़कर इसमें जुट जाते हैं। कुछ दिन पहले इससे जुड़ी एक शिकायत डीपीआरओ से भी की गई थी।

कहा गया था कि कार्यदिवस में भी गांवों में तैनात सफाई कर्मी धरना प्रदर्शन में जुटे रहते हैं। शिकायत करने वाला यह संगठन भी सफाई कर्मियों से जुड़ा था लेकिन कोई ठोस सबूत नहीं मिलने की बात कहकर डीपीआरओ ने कार्रवाई से इंकार कर दिया था।

इनके वेतन पर लगाई रोक
मझगवां के श्रीराम, जगदीश व सुदेश कुमार, शेरगढ़ के वेदपाल, भुता के सगीर, नवाबगंज के रंजीत कुमार, सोमपाल व पंकज कुमार, भोजीपुरा के भगवानदास व बाबूलाल, बिथरीचैनपुर के रामबाबू, भुता के चंदन कुमार व प्रदीप कुमार, आलमपुर जाफराबाद के सुशील कुमार, शिव कुमार व प्रताप मौर्य, बिथरीचैनपुर के अजयपाल व रेखा, क्यारा के राजेश कुमार, भदपुरा के जितेंद्र पाल, बहेड़ी के कपिल कुमार, फरीदपुर के श्यामवीर हैं।