बरेली: प्रोजेक्ट अलंकार से सुधरेगी जर्जर स्कूलों की दशा

बरेली: प्रोजेक्ट अलंकार से सुधरेगी जर्जर स्कूलों की दशा

बरेली, अमृत विचार। वर्षों से मरम्मत के अभाव में जर्जर हो चुके स्कूल भवनों की दशा सुधरने वाली है। इसके लिए शासन ने प्रोजेक्ट अलंकार की शुरुआत की है। प्रोजेक्ट के अंर्तगत राजकीय माध्यमिक कॉलेजों में भवन सुधार के साथ ही विद्युतीकरण भी कराया जाना है। इस योजना के तहत स्कूलों में भवन सुधार के …

बरेली, अमृत विचार। वर्षों से मरम्मत के अभाव में जर्जर हो चुके स्कूल भवनों की दशा सुधरने वाली है। इसके लिए शासन ने प्रोजेक्ट अलंकार की शुरुआत की है। प्रोजेक्ट के अंर्तगत राजकीय माध्यमिक कॉलेजों में भवन सुधार के साथ ही विद्युतीकरण भी कराया जाना है। इस योजना के तहत स्कूलों में भवन सुधार के लिए अगले माह तक धनराशि आवंटित हो जाएगी। प्रदेश में कुल 2272 राजकीय कॉलेज हैं, इनमें से कई जर्जर स्थिति का सामना कर रहे हैं।

शासन द्वारा निर्धारित रूपरेखा के मुताबिक इस योजना पर 100 करोड़ की धनराशि खर्च होगी। सामान्य बजट में पुराने कॉलेजों के पुर्ननिर्माण का प्रावधान न होने से वहां मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं कराई जा सकी हैं। शासन से डीआईओएस को मिले पत्र के अनुसार अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला ने प्रोजेक्ट अलंकार योजना को साकार करने के लिए जिलाधिकारी समेत जिला विद्यालय निरीक्षक को पत्र जारी कर दिया है। इसके मुताबिक जिले में जनपदीय समिति के जिलाधिकारी अध्यक्ष, मुख्य विकास अधिकारी सदस्य, जिला विद्यालय निरीक्षक सदस्य सचिव व अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग तकनीकी सदस्य होंगे। डीएम की ओर से राजकीय निर्माण एजेंसी का प्रस्ताव उपलब्ध कराया जाएगा। कालेजों की स्थिति का निरीक्षण करने के लिए उपसमिति बनी है। उपसमिति कालेजों का निरीक्षण करके डीआइओएस के माध्यम से जिला समिति को प्रस्ताव भेजेगी।

शिक्षा निदेशक की समिति करेगी परीक्षण
शिक्षा निदेशक माध्यमिक की अगुवाई वाली समिति प्रस्ताव का परीक्षण करेगी। इसमें वित्त नियंत्रक, अपर शिक्षा निदेशक राजकीय, अपर राज्य परियोजना निदेशक सदस्य व शिक्षा निदेशक की ओर से नामित अफसर तकनीकी सदस्य व सचिव होंगे। यह समिति शासन को प्रस्ताव भेजेगी। योजना शुरू करने की समय सारिणी तय कर दी गई है। जिला विद्यालय निरीक्षक डा. अमरकांत सिंह ने बताया कि शासन स्तर पर जिले में इसके लिए तीन सदस्यीय टास्क फोर्स का गठन होगा। शासन की इस पहल से स्कूलों की स्थिति निश्चित रूप से बेहतर होगी और उम्मीद है कि जर्जर हो चुके स्कूलों को ध्वस्त कर दूसरा भवन बनाने की अनुमित भी मिले। जनपद में जर्जर स्कूलों की तादात कम है लेकिन मरम्मत योग्य लगभग 23 विद्यालयों के लिए यह प्रोजेक्ट बरदान साबित होगा।