बाराबंकी: डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के निरीक्षण का भी जिला अस्पताल पर नहीं पड़ा प्रभाव, मरीज व तीमारदार हो रहे परेशान

बाराबंकी: डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के निरीक्षण का भी जिला अस्पताल पर नहीं पड़ा प्रभाव, मरीज व तीमारदार हो रहे परेशान

बाराबंकी। प्रदेश सरकार में उपमुख्यमंत्री व प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक के निरीक्षण का कोई असर बाराबंकी जिला चिकित्सालय में नहीं दिख रहा है। उप मुख्यमंत्री ने अपने जिला चिकित्सालय के दौरे में जिस नल से पानी पीकर सीएमएस को तत्काल शुद्ध एवं शीतल जल अस्पताल पहुंचने वाले मरीज व उनके तीमारदारों को उपलब्ध …

बाराबंकी। प्रदेश सरकार में उपमुख्यमंत्री व प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक के निरीक्षण का कोई असर बाराबंकी जिला चिकित्सालय में नहीं दिख रहा है। उप मुख्यमंत्री ने अपने जिला चिकित्सालय के दौरे में जिस नल से पानी पीकर सीएमएस को तत्काल शुद्ध एवं शीतल जल अस्पताल पहुंचने वाले मरीज व उनके तीमारदारों को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। आज उसी शीतल जल केंद्र में लगे नलके अपनी बदहाली के आंसू बहा रहे हैं।

जिला अस्पताल में कार्यरत महिला स्टाफ भी पानी की कमी से जूझती नजर आई। जिसमें व सूखे नलके को बार-बार दाब कर पानी निकालने का प्रयास कर थक हार कर चली गई। ऐसा ही हाल यहां आने वाले दूरदराज क्षेत्रों से मरीज और उनके तीमारदारों का है। नाम न छापने की शर्त पर यहां आए एक मरीज के तीमारदार ने बताया कि मरीजों की सुविधा के लिए अभी जल्द ही नए वाटर रेफ्रिजरेटर लगाए गए थे।

लेकिन उनके गुणवत्ता विहीन होने के चलते कुछ समय तक तो धीरे-धीरे कर पानी देते रहे। लेकिन बाद में बंद पड़कर सूख गए। ऐसे में 50 किलोमीटर से चल कर आने वाले लोगों को दवाई तो 2 रूपये के पर्चे पर मिल जाती है। लेकिन उस दवाई को खाने के लिए उन्हें बाहर से 20 रूपये की बोतल खरीदनी पड़ती है। या फिर मरीजों व उनके तीमारदार इमरजेंसी के बाहर बने पार्क में लगी सरकारी पाइपलाइन के नल से दूषित पानी लेने को मजबूर हैं।

“परिसर में बना शीतल पेय केंद्र पिछले दो दिनों से तकनीकी खराबी के चलते खराब हो गया है। अभी तक सुचारू रूप से चल रहा था।जिसे जल्द व्यवस्थित करा दिया जाएगा… डॉ. राजेश कुशवाहा, अपर चिकित्सा अधीक्षक”।