अयोध्या : अफसरों की बड़ी फौज, लेकिन काम करने वालों का टोटा

अयोध्या : अफसरों की बड़ी फौज, लेकिन काम करने वालों का टोटा

अमृत विचार, अयोध्या। देशी-विदेशी पर्यटकों व श्रद्धालुओं की संख्या अयोध्या में दिन ब दिन बढ़ रही है। साफ-सफाई से लेकर लाइट प्रकाश तक की व्यवस्था नगर निगम के जिम्मे है। इसके साथ ही 41 गांव भी नगर निगम में शामिल हो चुके हैं। नगर निगम का दायरा बढ़ने के साथ ही निगम पर कार्य का …

अमृत विचार, अयोध्या। देशी-विदेशी पर्यटकों व श्रद्धालुओं की संख्या अयोध्या में दिन ब दिन बढ़ रही है। साफ-सफाई से लेकर लाइट प्रकाश तक की व्यवस्था नगर निगम के जिम्मे है। इसके साथ ही 41 गांव भी नगर निगम में शामिल हो चुके हैं। नगर निगम का दायरा बढ़ने के साथ ही निगम पर कार्य का बोझ भी बढ़ता जा रहा है। शासन ने नगर निगम में अधिकारियों की बड़ी तैनात कर दी लेकिन नगर निगम में कार्य करने वाले कर्मचारियों का भारी टोटा है। ऐसे में नगर निगम क्षेत्र में विकास कार्य के साथ विभागीय कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
नगर निगम अयोध्या बने 5 वर्ष गुजर चुके हैं। लेकिन नगर निगम क्षेत्र का विकास कार्य आज तक गति को नहीं पकड़ पाया। सफाई और चूना छिड़काव के अलावा निगम क्षेत्र में कोई कार्य ही नहीं होता दिखता। न तो सड़कें दुरुस्त हो रही हैं और न ही प्रकाश व्यवस्था सही है। सीवर लाइन डालने के कार्य के चलते नगर क्षेत्र की मुख्य सड़कों के साथ मोहल्लों की गलियां तक चलने लायक नहीं बची हैं।

निगम में अधिकारी कागजी घोड़े दौड़ाने में लगे हैं जबकि विकास का पहिया थमा हुआ है। निगम सूत्रों की माने तो यह अव्यवस्थाएं निगम कर्मचारियों की कमी के चलते हो रही है। एक से डेढ़ लाख रुपये तक का वेतन पाने वाले अधिकारी सिर्फ सरकारी तेल पर भ्रमणशील रहते हैं लेकिन जनता की समस्याएं मुंह बाए खड़ी हैं। शासन ने अधिकारियों के पद तो सृजित कर दिये लेकिन कर्मचारियों के पद ही सृजित नहीं किये गये। जबकि अधिकारियों को भी सपोर्टिंग स्टॉफ चाहिये और सपोर्टिंग स्टॉफ न होने से कार्य प्रभावित हो रह हैं।
नगर निगम में इस समय नगर आयुक्त के बाद 3 अपर नगर आयुक्त तैनात हैं।

3 सहायक नगर आयुक्त तैनात हैं। जबकि 1 उप नगर आयुक्त स्वर्ण सिंह कार्यरत हैं। जिस नगर निगम में अधिकारियों की भरमार है, वहीं कार्य करने वाले कर्मचारियों का भारी टोटा है। सृजित पदों के सापेक्ष लिपिक संवर्ग के 65 प्रतिशत कर्मचारियों के पद खाली पड़े हैं। निगम में 35 पद लिपिक संवर्ग के हैं लेकिन मौजूदा समय में मात्र 12 लिपिक ही कार्यरत हैं। आउटसोर्स से कम्प्यूटर आॅपरेटर पद पर 15 कर्मचारी कार्य कर रहे हैं। इसमें भी एक लिपिक इसी माह सेवानिवृत्त हो रहा है। सेवानिवृत्त होने के बाद नये बाबुओं की नियुक्ति नहीं हो रही है। वहीं आउटसोर्स से 2200 सफाई कर्मचारी कार्यरत हैं लेकिन आउटसोर्स से एक भी लिपिक निगम में नियुक्त नहीं है।

चपरासियों से लिया जा रहा है लिपिकों का कार्य

नगर निगम में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भी भारी कमी है। यहां कहने को चतुर्थ श्रेणी के लगभग 75 पद सृजित हैं। लेकिन मौजूदा समय में मात्र 20 ही कार्यरत बताये जाते हैं। स्थिति यह है कि चपरासियों से लिपिकीय व कम्प्यूटर का कार्य लिया जा रहा है।

अब तक नहीं मिला दीपावली का बोनस

प्रदेश सरकार ने राज्य कर्मचारियों को दीपावली का बोनस देने का वादा किया है। लेकिन नगर निगम अयोध्या के कर्मचारियों को दीपावली बोनस के नाम पर एक ढेला भी अभी मयस्सर नहीं हो सका है। यही नहीं अक्टूबर का वेतन तक नहीं मिला है।

अभी भी एमटीएस विभाग में हो रहा मैनुअल वर्क

नगर निगम बने 5 साल गुजर चुके हैं लेकिन निगम के सभी कार्यालयों को अब तक कम्प्यूटरीकृत नहीं किया जा चुका है। अभी भी कई विभागों में मैनुअल कार्य किया जा रहा है। इसकी बानगी निगम का विविध कर विभाग है। इसके अलावा लेखा विभाग भी अभी पूर्ण रूप से कम्प्यूटरीकृत नहीं हो सका है। अपर नगर आयुक्त बागीश शुक्ला के मुताबिक, नगर निगम में कितने कर्मचारी हैं क्या रिकार्ड है, यह अभी मैं नहीं बता सकता हूं। लेकिन कर्मचारियों की कमी से किसी भी प्रकार का कोई कार्य प्रभावित नहीं हो रहा है।

यह भी पढ़ें:- अयोध्या : मणिराम छावनी से आज रवाना होगी भरत यात्रा,भरतकुंड पर होगा स्वागत