अयोध्या: 66 वर्ष पुराना चौरेबाजार हाल्ट रेलवे स्टेशन बदहाली का शिकार, पेड़ के नीचे बैठकर यात्री करते हैं ट्रेन का इंतजार

चौरेबाजार/अयोध्या। अयोध्या-प्रयागराज रेलखंड पर स्थित 66 वर्ष पुराना चौरेबाजार हाल्ट रेलवे स्टेशन बदहाली का शिकार है। यहां से यात्रा करने वाले लोगों को कोई भी सुविधा मुहैया नहीं है। जर्जर रेलवे स्टेशन अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। बदहाली का आलम यह है कि स्टेशन तक जाने के लिए रास्ता तक नहीं है। यात्रियों …
चौरेबाजार/अयोध्या। अयोध्या-प्रयागराज रेलखंड पर स्थित 66 वर्ष पुराना चौरेबाजार हाल्ट रेलवे स्टेशन बदहाली का शिकार है। यहां से यात्रा करने वाले लोगों को कोई भी सुविधा मुहैया नहीं है। जर्जर रेलवे स्टेशन अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। बदहाली का आलम यह है कि स्टेशन तक जाने के लिए रास्ता तक नहीं है। यात्रियों को पगडंडियों से होकर जाना पड़ता है।
प्लेटफॉर्म पूरी तरह क्षतिग्रस्त है। स्टेशन गंदगी व झाड़ियों से घिरा हुआ है। सफाई कभी नहीं होती है। पेयजल के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं है। प्लेटफॉर्म के किनारे वर्षों पूर्व लगाया गया इंडिया मार्का टू हैंडपंप अब पानी नहीं देता है। यहां महिला व पुरुष प्रसाधन की कोई व्यवस्था नहीं है। न ही यात्रियों के लिए प्रतीक्षालय बना है।
आज भी पेड़ों के नीचे बैठकर यात्री ट्रेन की प्रतीक्षा करते हैं। शाम होते ही पूरा परिसर अंधेरे में डूब जाता है। रात में आने-जाने वाले यात्री खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं। आश्चर्य की बात तो यह है कि इस स्टेशन पर पैसेंजर ट्रेन के अलावा किसी दूसरी ट्रेन का ठहराव नहीं हैं। साकेत, सरयू सहित कई एक्सप्रेस व सुपरफास्ट ट्रेनें स्टेशन से होकर गुजरती हैं।
पहले फाटक के पास ट्रेन धीमी कर बैठाते थे यात्रियों को
1955 के पहले अंग्रेजों के जमाने में रेल ट्रैक का निर्माण होने के बाद इलाहाबाद से फैजाबाद तक पैसेंजर ट्रेन का आवागमन होता था। तब चौरेबाजार में ट्रेन नहीं रुकती थी। सिर्फ रेल फाटक का निर्माण किया गया था। रेलवे फाटक के पास ट्रेन की गति धीमी कर यात्रियों को बैठाया और उतारा जाता था। उस दौरान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी चंद्रशेखर मिश्र, रामसुंदरलाल श्रीवास्तव व केदारनाथ दूबे की अगुवाई में रेलवे स्टेशन की मांग की गई थी।
सुल्तानपुर निवासी ठेकेदार गुरुचरण सिंह नामधारी ने रेलवे स्टेशन का निर्माण कराया था। इलाहाबाद से फैजाबाद तक जाने वाली पैसेंजर ट्रेन यहां रुकने लगी। स्टेशन पर पहले चार से पांच स्टाफ रहा करता था। रेलवे स्टेशन के पीछे आवास की व्यवस्था थी। अब आवास पूरी तरह जर्जर हो चुका है। कोई यहां रहता नहीं। प्रबंधन को अवगत भी कराया गया। नतीजा नहीं निकला।
स्टेशन के सौंदर्यीकरण की मांग
सामाजिक कार्यकर्ता कृष्ण कुमार उर्फ नान्हू शर्मा व्यापारी नेता अशोक अग्रहरि, डॉ. लालजी गुप्त, मुन्नूलाल मोदनवाल सहित अन्य लोगों ने स्टेशन के उच्चीकरण, मरम्मत के साथ सुविधाओं को मुहैया करवाने की मांग की है।
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