बरेली: गैरवानिकी प्रयोग में नहीं कटेंगे पेड़, ट्रांसलोकेट की शर्त अनिवार्य

बरेली, अमृत विचार। कोरोना काल की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से जनहानि के जो हालात बने थे, उसके दृष्टिगत राज्य सरकार ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर बड़ा कदम उठाया है। पेड़ों को बचाने के लिए राज्य सरकार ने वन संरक्षण अधिनियम 1980 के तहत आदेश जारी किया है, जिसमें कहा गया कि गैरवानिकी …
बरेली, अमृत विचार। कोरोना काल की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से जनहानि के जो हालात बने थे, उसके दृष्टिगत राज्य सरकार ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर बड़ा कदम उठाया है। पेड़ों को बचाने के लिए राज्य सरकार ने वन संरक्षण अधिनियम 1980 के तहत आदेश जारी किया है, जिसमें कहा गया कि गैरवानिकी प्रयोग के लिए उपलब्ध कराए जाने वाले प्रस्तावों में पेड़ों को ट्रांसलोकेट की शर्त अनिवार्य कर दी है। अब विकास कार्यों की राह में जो पेड़ आ रहे हैं, उन्हें काटा नहीं जाएगा। एक-एक पेड़ ट्रांसलोकेट किया जाएगा। प्रोजेक्ट में शामिल की गयी शर्त के अनुपालन में बचनबद्धता प्रमाणपत्र भी कार्यदायी संस्था को देना अनिवार्य होगा।
30 जुलाई को सचिव आशीष तिवारी ने मुख्य वन संरक्षक/नोडल अधिकारी पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन अनुभाग-2 को पत्र जारी किया है। जिसमें कहा है कि पूरा पेड़ ट्रांसलोकेट करने की शर्त को सम्मिलित करते हुए संबंधित प्रयोक्ता एजेंसियों से इसका अनुपालन कराएं। शर्त के अनुपालन का प्रमाणपत्र लेकर प्रस्तावों अनुमोदन के लिए भारत सरकार या राज्य सरकार को भेजे जाएं।
सरकार की इस नीति से पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा, वहीं लाखों पेड़ कटने से बच जाएंगे मगर इस आदेश के आने से पहले मिनी बाईपास पर केंद्रीय जेल की भूमि पर रोडवेज बस अड्डा का निर्माण शुरू कराने को लेकर सैकड़ों पेड़ों का कटान हो गया। अधिकारियों ने पेड़ों को ट्रांसलोकेट करने के विषय पर न विचार किया और न ही प्रोजेक्ट में पेड़ों को बचाने के लिए ट्रांसलोकेट करने की शर्त रखी। इस आदेश का जमीनी स्तर पर किस तरह से अनुपालन कराया जाएगा यह भविष्य की बात है।
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