अल्मोड़ा: 18 करोड़ का बैराज भी नहीं बुझा पाया डेढ़ लाख लोगों की प्यास

अल्मोड़ा, अमृत विचार। सूबे की सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा में पेयजल समस्या से निपटने के लिए तमाम प्रयास किए गए। लेकिन इसके बाद भी यहां की पेयजल समस्या जस की तस है। पेयजल समस्या को दूर करने के लिए यहां कोसी नदी में करोड़ों रुपये की लागत से बैराज का निर्माण भी किया गया। लेकिन अब भी …
अल्मोड़ा, अमृत विचार। सूबे की सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा में पेयजल समस्या से निपटने के लिए तमाम प्रयास किए गए। लेकिन इसके बाद भी यहां की पेयजल समस्या जस की तस है। पेयजल समस्या को दूर करने के लिए यहां कोसी नदी में करोड़ों रुपये की लागत से बैराज का निर्माण भी किया गया। लेकिन अब भी यहां के लोगों को जरूरत के मुताबिक पानी नहीं मिल पा रहा है।
अल्मोड़ा नगर की बात करें तो यहां की आबादी करीब डेढ़ लाख के आसपास है। इसके अलावा यहां प्रतिवर्ष हजारों सैलानी भी यहां घूमने के लिए आते हैं। लेकिन पानी की समस्या के कारण सभी को परेशानी का सामना करना पड़ता है। पेयजल की इस समस्या से निपटने के लिए पूर्ववर्ती सरकार ने ने यहां करीब 33 करोड़ रुपये की लागत से कोसी नदी में बैराज और उसके बाद इंटकवैल का निर्माण भी कराया। लेकिन इसके बाद भी यहां की पेयजल की समस्या जस की तस है। विभागीय अधिकारियों की मानें तो कोसी नदी से पूर्व में बिछाई गई लाइनों में कई जगह लीकेज और लाइनों के क्षतिग्रस्त होने के कारण अठारह की जगह केवल आठ एमएलडी पानी की आपूर्ति हो पा रही है। जिससे यह समस्या दूर नहीं हो पा रही है।
कछुवा गति से हो रहा नई लाइन का निर्माण
अल्मोड़ा की पेयजल समस्या और तकनीकी कर्मचारियों के सुझाव के बाद पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने कार्यकाल के दौरान मटेला कोसी से अल्मोड़ा तक नई पेयजल लाइन बिछाने के कार्य को भी स्वीकृति प्रदान की। जिसके लिए 1086.96 लाख रुपये स्वीकृत भी किए गए। लेकिन बीते वर्ष दिसंबर महीने में टेंडर की प्रक्रिया के बाद भी यह कार्य अब तक पूरा नहीं हो पाया है।
सिल्ट की समस्या अब भी बनी है चुनौती
कोसी नदी का उदगम सोमेश्वर तहसील के जंगलों में है। यहां से कई नदी नाले कोसी में मिलते हैं। लेकिन तेज बारिश होने के समय इन नदियों से मलबा, पेड़ मरे हुए मवेशी और कई प्रकार की गंदगी कोसी नदी के पानी में आ जाती है। जिससे बरसात के मौसम में सिल्ट की समस्या एक बड़ी चुनौती साबित होती है। जल संस्थान के अधिकारियों ने बताया कि इस समस्या से निपटने के लिए नए फिल्टरेशन प्लांट का प्रस्ताव भी शासन को भेजा गया है। स्वीकृति मिलते ही इसका कार्य शुरू कराया जाएगा।
मटेला से अल्मोड़ा तक नई पाइन लाइन बिछाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। कार्यदायी संस्था को शीघ्र लाइन का निर्माण करने के निर्देश दिए गए हैं। शीघ्र ही पेयजल समस्या से अल्मोड़ा को निजात दिलाई जाएगी।
केडी भट्ट, अधिशासी अभियंता, जल निगम, अल्मोड़ा