बरेली: निजी अस्पतालों 25 फीसदी महंगे हुए ऑपरेशन, मरीजों पर नहीं डाला जा रहा बोझ
बरेली, अमृत विचार। कोरोना संक्रमण में निजी अस्प्तालों में आपरेशन महंगे हो गए हैं। इनमें तकरीबन 20 से 25 फीसदी तक खर्चा बढ़ गया है। हालांकि मरीजों से चिकित्सक इस बृद्धि का भार नहीं डाल रहे हैं। वैश्विक महामारी कोरोना से पहले निजी अस्पतालों में पथरी, हर्निया, अपेंडिक्स, बवासीर, सिजेरियान के ऑपरेशन खर्च औसतन 20 …
बरेली, अमृत विचार। कोरोना संक्रमण में निजी अस्प्तालों में आपरेशन महंगे हो गए हैं। इनमें तकरीबन 20 से 25 फीसदी तक खर्चा बढ़ गया है। हालांकि मरीजों से चिकित्सक इस बृद्धि का भार नहीं डाल रहे हैं।
वैश्विक महामारी कोरोना से पहले निजी अस्पतालों में पथरी, हर्निया, अपेंडिक्स, बवासीर, सिजेरियान के ऑपरेशन खर्च औसतन 20 से 30 हजार रुपए था। महामारी में खासतौर से दूसरी लहर के बाद इन आपरेशनों में बढ़ोतरी हुई है। कुल होने वाले आपरेशनों में 60 से 70 फीसदी जनरल सर्जरी के ही रहते हैं। वहीं कोरोना की दूसरी लहर के बाद जिला अस्पताल में अभी पथरी, अपेंडिक्स, हर्निया, पाइल्स समेत अन्य जनरल सर्जरी बंद चल रही है। हालांकि बीते दिनों से जिला अस्पताल में जरूर ओपीडी शुरू हुई है, लेकिन मोतियाबिंद के 2-4 आपरेशन ही हो पाए हैं।
सीएमओ डा.एसके गर्ग के मुताबिक कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है। ऐसे गंभीर मामलों में ही आपरेशन को प्राथमिकता दी जा रही है। वहीं निजी चिकित्सकों की मानें तो खर्चे में वृद्धि जरूर हुई है, लेकिन इसका मरीजों के ऊपर भार नहीं डाला जा रहा है। मरीजों सहूलियत के साथ अगर कोई जरूरतमंद या गरीब है तो उसका रियायत के साथ उपचार किया जा रहा है।
इनकी वजह से चिकित्सकों के ऊपर पड़ रहा अतिरिक्त भार
- प्रति आपरेशन 4 से 5 हजार रुपए पीपीई किट का खर्चा, एक पीपीई किट के लिए 800 से 1000 रुपए खर्च होते हैं।
- प्रत्येक ऑपरेशन के बाद ओटी टेबिल समेत पूरे आपरेशन थिएटर कक्ष के सैनिटाइजेशन में 500 से 800 रुपए का खर्च
- साफ सफाई के लिए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी बढ़ाए गए, इस पर 300 से 500 रुपए अतिरिक्त खर्च हो रहे हैं
- ऑपरेशन से पहले बेहोशी के चिकित्सकों ने फीस में 500 से 1000 रुपए तक की बढ़ोतरी की है
- विजिट पर आने वालों के चिकित्सकों की भी फीस बढ़ गई है
- दूरबीन विधि से होने वाले ऑपरेशन में भी 30 फीसदी तक का खर्च बढ़ गया है।
स्वास्थ्यकर्मियों ने भी बढ़ाई सैलरी
कुछ निजी अस्पताल संचालकों और चिकित्सकों का कहना है कि कोरोना जैसी महामारी में अस्पताल में नौकरी करना खतरे से खाली नहीं है। ऐसे में अधिकांश स्वास्थ्य कर्मियों व चिकित्सकों का उनके मुताबिक मानदेय भी बढ़ाया गया है। यह भी अस्पताल संचालकों पर अतिरिक्त बोझ पड़ा है।
ऑपरेशन में संक्रमण का खतरा अधिक
आईएमए अध्यक्ष डा.मनोज अग्रवाल ने बताया कि ऑपरेशन में संक्रमण का खतरा अधिक रहता है, ऐसे में एहतियात के उपचार और साफ सफाई प्रोटेक्शन, कोरोना की जांच समेत अन्य खर्च बढ़ गए हैं, लेकिन इसका भार मरीजों के ऊपर नहीं डाला जा रहा है।