संरक्षित पादप प्रजातियों की सूची जारी करने वाला देश का पहला राज्य बना उत्तराखंड, 1576 प्रजातियां संरक्षित घोषित

हल्द्वानी, अमृत विचार। उत्तराखंड में वन विभाग ने 1576 पादप प्रजातियों को संरक्षित घोषित कर दिया है। इनमें राज्य में आईयूसीएन की लाल सूची में शामिल और जैव विविधता बोर्ड द्वारा घोषित संकटग्रस्त 73 प्रजातियां भी हैं। संरक्षित घोषित पादप प्रजातियों में 500 औषधीय गुणों से परिपूर्ण हैं। पर्यावरण दिवस के अवसर पर लगातार दूसरे …
हल्द्वानी, अमृत विचार। उत्तराखंड में वन विभाग ने 1576 पादप प्रजातियों को संरक्षित घोषित कर दिया है। इनमें राज्य में आईयूसीएन की लाल सूची में शामिल और जैव विविधता बोर्ड द्वारा घोषित संकटग्रस्त 73 प्रजातियां भी हैं। संरक्षित घोषित पादप प्रजातियों में 500 औषधीय गुणों से परिपूर्ण हैं।
पर्यावरण दिवस के अवसर पर लगातार दूसरे वर्ष भी वन विभाग ने संरक्षित प्रजातियों का रिपोर्ट कार्ड जारी किया है। ऐसा करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य है। मुख्य वन संरक्षक अनुसंधान संजीव चतुर्वेदी के अनुसार अनुसंधान शाखाओं के माध्यम से इस वर्ष 439 नई प्रजातियों को पहाड़, भाबर और मैदानी क्षेत्र में संरक्षित किया गया है। जबकि पिछले वर्ष 1147 प्रजातियों को संरक्षित सूची में शामिल किया गया था। संरक्षित प्रजातियों में पेड़, झाड़ी, आर्किड, फर्न, घास, जलीय, काई, लाइकेन, कैक्टस, सकुलेंट, बांस, मॉस, शैवाल, कवक आदि शामिल हैं। अब तक कुल संरक्षित घोषित 1576 में से 53 प्रजातियां हिमालयी हैं।
संरक्षण और जागरुकता में है महत्वपूर्ण
उत्तराखंड वन अनुसंधान की 264 पन्नों की रिपोर्ट में पादप प्रजातियों का पूरा विवरण है। इसमें प्रजातियों के स्थानीय नाम, वैज्ञानिक नाम, भौगोलिक स्थिति और महत्व भी बताया गया है। रिपोर्ट कार्ड जारी करने से पहले अनुसंधान शाखाओं ने पादप प्रजातियों पर शोध किया है। राज्य में अंधाधुंध दोहन, वनाग्नि, अनियोजित और अनियंत्रित विकास के चलते पादप प्रजातियों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। यह रिपोर्ट कार्ड संरक्षित प्रजातियों के संरक्षण और जागरुकता के लिए महत्वपूर्ण है।
तुलसी की हैं सर्वाधिक 15 प्रजातियां
हल्द्वानी। वन अनुसंधान शाखाओं के रिपोर्ट कार्ड में राज्य में तुलसी की सर्वाधिक 15 प्रजातियां शामिल हैं। तुलसी औषधीय गुणों से परिपूर्ण पादप है। संरक्षित प्रजाति में शामिल होने के बावजूद संतोषजनक है कि राज्य में तुलसी की सर्वाधिक प्रजातियां पाई गई हैं।