महामारी से उपजी बेबसी

पिछले तीन दिनों में देश में कोरोना के दैनिक मामलों और संक्रमण दर में कमी आई है। वहीं 10 राज्य ऐसे हैं जहां संक्रमण दर 25 प्रतिशत या इससे अधिक है। लेकिन 24 में से 13 राज्यों में शहरों से अधिक संक्रमित मामले गांवों में मिले हैं। अन्य 11 राज्यों में भी गांवों में कोविड …

पिछले तीन दिनों में देश में कोरोना के दैनिक मामलों और संक्रमण दर में कमी आई है। वहीं 10 राज्य ऐसे हैं जहां संक्रमण दर 25 प्रतिशत या इससे अधिक है। लेकिन 24 में से 13 राज्यों में शहरों से अधिक संक्रमित मामले गांवों में मिले हैं। अन्य 11 राज्यों में भी गांवों में कोविड का विस्तार जारी है। कोरोना की पहली लहर में कोरोना गांवों से दूर ही रहा। दूसरी लहर इतनी प्रबल है कि वो गांवों में प्रवेश कर चुकी है। ऐसे में सरकार और स्थानीय प्रशासन की दिक्कतें तो बढ़ ही गई हैं।

वहीं सामुदायिक संक्रमण का बड़ा खतरा भी मंडरा रहा है। छत्तीसगढ़ की तस्वीर डराने वाली है, जहां करीब 89 फीसदी संक्रमित मामले ग्रामीण इलाकों से आए हैं। इसके अलावा हिमाचल, बिहार, ओडिशा, राजस्थान, आंध्रप्रदेश, उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के गांवों में 65 फीसदी से 79 फीसदी तक मामले दर्ज किए जाते रहे हैं और यह रुझान जारी है। ज्यादातर ग्रामीण इलाकों में एक बड़ी दिक्कत ये भी है कि खांसी और बुखार को लोग सामान्य फ्लू मानकर चल रहे हैं। वहीं गांवों में जांच की स्थिति बहुत खराब है।

दूसरी ओर गंगा व यमुना में तैरती लाशों को लेकर विपक्ष सरकारों पर अमानवीय होने का आरोप लगा रहा है। खबरों के अनुसार बलिया, गाजीपुर में शव नदी में बह रहे हैं और उन्नाव में नदी के किनारे सैकड़ों शवों को दफना दिया गया है। बक्सर (बिहार) के चौसा गांव के निकट गंगा में मिले शवों की गिनती को लेकर अलग-अलग दावे हैं। बिहार के अधिकारी इन शवों के उत्तर प्रदेश से बह कर आने की बात कर रहे हैं, कुछ लोग कहते हैं कि कोरोना काल में उपजे आर्थिक संकट के बीच काफी संख्या ऐसे लोगों की है जो अपने परिजनों के अंतिम संस्कार का खर्चा नहीं उठा पा रहे हैं। कुछ जगहों पर ग्रामीण कोरोना से मरे लोगों का अंतिम संस्कार श्मशान घाट में नहीं करने दे रहे हैं।

बहरहाल, ये हालात कोरोना संकट के भयावह होने की ओर इशारा करते हैं। माना इस महामारी का पर्याप्त उपचार मौजूद नहीं है, लेकिन कम से कम मृतकों की अंतिम विदाई तो गरिमामय होनी ही चाहिए। महामारी से उपजी बदहाली में बेबसी दर्शाती स्थितियों से उबरने के लिये जरूरी है कि ग्रामीण क्षेत्रों में आपात चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराई जायें। साथ ही केंद्र व राज्य सरकारें आर्थिक पैकेज उपलब्ध करायें, जिससे कोरोना प्रोटोकाल का सख्ती से पालन हो सके। अन्यथा ग्रामीण क्षेत्रों में महामारी को काबू करना आसान नहीं होगा।

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