बरेली: सीट लॉक न होने की वजह से अटके प्रवेश होंगे

बरेली: सीट लॉक न होने की वजह से अटके प्रवेश होंगे

बरेली, अमृत विचार। एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय के स्नातक व परास्नातक के कई छात्रों के प्रवेश सीट लॉक न होने की वजह से नहीं हो सके। परीक्षा फार्म भरने के दौरान जब छात्रों को पता चला तो वह विश्वविद्यालय और महाविद्यालय के चक्कर लगाने लगे। करीब 100 से अधिक छात्रों की शिकायतें विश्वविद्यालय में पहुंचीं। विश्वविद्यालय …

बरेली, अमृत विचार। एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय के स्नातक व परास्नातक के कई छात्रों के प्रवेश सीट लॉक न होने की वजह से नहीं हो सके। परीक्षा फार्म भरने के दौरान जब छात्रों को पता चला तो वह विश्वविद्यालय और महाविद्यालय के चक्कर लगाने लगे। करीब 100 से अधिक छात्रों की शिकायतें विश्वविद्यालय में पहुंचीं।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केपी सिंह के आदेश पर कुलसचिव डा. सुनीता पांडेय ने गुरुवार को महाविद्यालयों को छात्रों की सीट लॉक करने का आखिरी मौका दिया है। महाविद्यालयों को 1500 रुपये का विलंब शुल्क भी विश्वविद्यालय में जमा करना और विश्वविद्यालय के कंट्रोल रूम में 9 अप्रैल से 13 अप्रैल तक पंजीकृत छात्रों की सूची भी कंट्रोल रूम में उपलब्ध करानी होगी।

विश्वविद्यालय या उससे संबद्ध महाविद्यालयों के प्रवेश ऑनलाइन होते हैं। प्रवेश के लिए छात्र को महाविद्यालय की वेबसाइट के साथ विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर भी पंजीकरण कराना होता है। महाविद्यालय में प्रवेश लेने के बाद छात्र को विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपनी सीट लॉक करानी होती है। उसके बाद ही उसका प्रवेश मान्य होता है। कई महाविद्यालय छात्रों की सीट स्वयं लॉक कर लेते हैं लेकिन छात्रों को विश्वविद्यालय में सीट लॉक कराने की जानकारी नहीं देते हैं।

इसके अलावा कई छात्र महाविद्यालय में प्रवेश के बाद विश्वविद्यालय में सीट लॉक कराना भूल जाते हैं। ऐसे छात्रों को जब बाद में पता चलता है तो परेशान होते हैं। विश्वविद्यालय ने प्रवेश संबंधी त्रुटियों को दूर करने का छात्रों और महाविद्यालयों को कई बार मौका दिया लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। 2 मार्च को भी महाविद्यालयों को सीट लॉक संबंधी त्रुटियां ऑनलाइन दूर करने का मौका दिया गया था लेकिन इसके बावजूद कई छात्र प्रवेश लेने से रह गए। जब छात्रों ने परीक्षा फार्म भरा तो उनका फार्म सीट लॉक न होने की वजह से नहीं भरा जा सका। छात्रों ने महाविद्यालयों व विश्वविद्यालय में चक्कर लगाए लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो सका।

विश्वविद्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, बरेली कॉलेज, राजकीय महाविद्यालय तिलहर, राजकीय महाविद्यालय बिलासपुर, राजकीय महाविद्यालय पीलीभीत, आरएसएम कॉलेज धामपुर समेत कई महाविद्यालयों के करीब 100 से अधिक छात्रों की शिकायतें विश्वविद्यालय में पहुंची हैं। इसके अलावा कई ऐसे छात्र हैं, जिन्होंने शिकायत नहीं की है।

ऐसे में इनकी संख्या अधिक हो सकती है। ऐसे छात्रों के प्रवेश के लिए विश्वविद्यालय ने महाविद्यालयों को सीट लॉक करने आखिरी मौका दिया है ताकि छात्र परीक्षा फार्म भरकर परीक्षा में शामिल हो सकें। इसके बाद भी छात्रों का प्रवेश नहीं हुआ तो वह परीक्षा नहीं दे सकेंगे और उनका पूरा एक शैक्षिक सत्र बर्बाद हो जाएगा। गुरुवार को कुलसचिव सुनीता पांडेय ने आदेश जारी किया कि स्नातक एवं परास्नातक (प्रवेश परीक्षा से होने वाले प्रवेशों को छोड़कर) स्तरीय पाठ्यक्रमों में महाविद्यालय स्तर पर हुई त्रुटि से प्रवेश से वंचित रह गए छात्रों के प्रवेश के लिए महाविद्यालयों को मौका दिया जाता है। महाविद्यालयों को ऐसे छात्रों के प्रवेश 1500 रुपये के विलंब शुल्क से सुनिश्चित कराने होंगे।

महाविद्यालयों को अपनी त्रुटि स्वीकार करते हुए एक प्रत्यावेदन देना होगा, जिसमें उसे लिखना होगा कि छात्र पंजीकृत है और उसका प्रवेश महाविद्यालय में नियमानुसार हुआ है। इसके अलावा वह नियमित रूप से कक्षाओं में उपस्थित रहा। महाविद्यालय को विलंब शुल्क अपने स्रोतों से करना होगा।

इसके अलावा भविष्य में महाविद्यालयों द्वारा प्रवेश प्रक्रिया बंद होने के बाद महाविद्यालय में प्रवेशित छात्रों का डाटा कॉलेज लॉगिन से प्रवेशित छात्रों की सूची डाउनलोड करके मिलाना हेागा। इससे किसी समस्या का समाधान तुरंत हो जाएगा और परीक्षा के दौरान छात्र को परेशान नहीं होना पड़ेगा। महाविद्यालों को प्रत्येक छात्र के 1500 रुपये विलंब शुल्क के साथ वित्त अधिकारी एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय के नाम बैंक ड्राफ्ट जमा करना होगा।