हल्द्वानी: 12 मदों में मुफ्त यात्रा का महीनों से नही हुआ भुगतान

हल्द्वानी: 12 मदों में मुफ्त यात्रा का महीनों से नही हुआ भुगतान

हल्द्वानी,अमृत विचार। परिवहन निगम में घाटे का सिलसिला अभी तक थमा नहीं है। कोरोना काल में देशव्यापी बंद के समय से ही विभाग की आय में लगातार गिरावट आंकी जा रही है। घाटे के चलते रोडवेज द्वारा वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांग जनों समेत  12 श्रेणी के लिए संचालित योजनाओं में निशुल्क यात्रा का भुगतान भी डिपो …

हल्द्वानी,अमृत विचार। परिवहन निगम में घाटे का सिलसिला अभी तक थमा नहीं है। कोरोना काल में देशव्यापी बंद के समय से ही विभाग की आय में लगातार गिरावट आंकी जा रही है। घाटे के चलते रोडवेज द्वारा वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांग जनों समेत  12 श्रेणी के लिए संचालित योजनाओं में निशुल्क यात्रा का भुगतान भी डिपो कार्यालयों को अभी तक नही किया गया है। फलस्वरुप विभागीय कामकाज में भी लोगों को दिक्क्तों का सामना करना पड़ रहा है।

परिवहन निगम द्वारा लोगों को 12 अलग – अलग योजनाओं के तहत कम किराए व निशुल्क यात्रा का लाभ उपलब्ध कराया जाता है। बाद में डिपो कार्यालयों में निशुल्क और छूट वाले सभी यात्रियों की गणना कर प्रतिमाह का बिल तैयार कर मुख्यालय भेज दिया जाता है। लेकिन मुख्यालय की लेट लतीफी के चलते इन बिलों का भुगतान कॉफी देर से होता है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक कई बार तो स्थिति यह होती है की मुख्यालय द्वारा भुगतान में देरी की वजह से न्यायालय में वाद दाखिल करना पड़ता है। हल्द्वानी डिपों की बसों द्वारा प्रतिमाह लगभग 25 लाख से ज्यादा की निशुल्क यात्राएं कराई जाती है। जनवरी माह में डिपो द्वारा 20 लाख का बिल तैयार कर भेजा गया है।

वरिष्ठ नागरिकों ने की सबसे ज्यादा यात्राएं
हल्द्वानी डिपों की बसों में जनवरी के महीनें में सबसे ज्यादा निशुल्क यात्राएं की गई है। जिनका बिल 7 लाख से ज्यादा का पहुंच गया है। इसके बाद छात्राओं द्वारा लगभग 5 लाख का निशुल्क सफर किया गया। इसके अलावा अन्य योजनाओं यात्रियों की संख्या कॉफी कम रहती है। राज्य आंदोलकारी और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों द्वारा भी निशुल्क यात्राओं में कमी देखी गई है। दिव्यांग जन, सांसद, विधायक, पत्रकार सहित शेष सभी मदों में लोगों ने बहुत कम यात्राएं कम की गई हैं।

न मदों में बिल तैयार कर प्रतिमाह भेजा जाता है। वर्तमान में कोरोना के चलते देरी हो रही है और विभाग घाटे के दौर से गुजर रहा है। भुगतान में देरी पर मुख्यालय को रिमांडर भेजा जाता है। – सुरेंद्र सिंह बिष्ट, एआरएम, हल्द्वानी डिपो