बरेली: कोरोना काल में मरीजों के लिए संजीवनी बनीं 108 एंबुलेंस

अमृत विचार, बरेली। सरकारी एम्बुलेंस इस समय लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है। कोविड संक्रमितों को सकुशल निकटतम हॉस्पिटल में भर्ती कराने के साथ ही प्रसूताओं के लिए संजीवनी बनी हुई है। ये एम्बुलेंस कहीं संक्रमितों अस्पताल में भर्ती करा रही है तो कहीं एंबुलेंस को ही लेबर रूम बनाकर सुरक्षित डिलीवरी कराई …
अमृत विचार, बरेली। सरकारी एम्बुलेंस इस समय लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है। कोविड संक्रमितों को सकुशल निकटतम हॉस्पिटल में भर्ती कराने के साथ ही प्रसूताओं के लिए संजीवनी बनी हुई है। ये एम्बुलेंस कहीं संक्रमितों अस्पताल में भर्ती करा रही है तो कहीं एंबुलेंस को ही लेबर रूम बनाकर सुरक्षित डिलीवरी कराई गई।
जच्चा-बच्चा को प्राथमिक उपचार देते हुए हॉस्पिटल में भर्ती कराकर अपने कर्म को बखूबी ये योद्धा अंजाम दे रहे हैं। कोरोना संक्रमण के समय एक बार फिर 108 एंबुलेंस आम लोगों के साथ ही कोरोना संक्रमितों मरीज के लिए जीवनरक्षक साबित हो रही हैं। छह महीने से कुछ अधिक समय में 108 एंबुलेंस ने 45 हजार संक्रमित मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाया है।
जिले में 102 और 108 एंबुलेंस की संख्या 43 है वहीं, गंभीर मरीजों के लिए दो एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस मौजूद हैं। एंबुलेंस में तैनात प्रशिक्षित स्टाफ पूरी सावधानी से गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले जाने और लाने का काम करते हैं। इसके अलावा जिले में सात एंबुलेंस विशेष तौर पर कोरोना संक्रमित मरीजों की मदद के लिए तैनात किए गए हैं।
इस प्रकार विशेष तौर पर तैयार एंबुलेंस कोरोना मरीजों को अस्पताल लाने-ले जाने में लगाई गई हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी एंबुलेंस में ड्राइवर और कंपाउंडर को पीपीई किट उपलब्ध कराई गई हैं ताकि इन्हें संक्रमण के खतरों से बचाया जा सके। एंबुलेंस प्रोग्राम मैनेजर भगवती प्रसाद बताते हैं कि 102, 108 एंबुलेंस जिले में रोजाना दो हजार के करीब मरीजों को भर्ती कराते हैं। बड़ी बात यह कि जहां निजी एंबुलेंस वाले हजारों रुपये वसूलते हैं वहीं, 108 एंबुलेंस आम लोगों को मुफ्त में उपलब्ध हो रही है।
संक्रमितों के इलाज के साथ ही कराया सुरक्षित प्रसव
अप्रैल से लेकर दिसंबर तक जिले में 50 गर्भवती महिलाओं का एंबुलेंस में प्रसव हुआ। गंभीर हालत में इन्हें अस्पताल ले जाया जा रहा था। रास्ते में प्रसव पीड़ा तेज होने पर साथ आई आशा कार्यकर्ता की मदद से डिलीवरी कराई गई। प्रत्येक एंबुलेंस में मौजूद प्रशिक्षित इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन (ईएमटी) तैनात रहते हैं जो ऐसी स्थिति आने पर मददगार साबित हुए। उनके सुझाव पर आशाओं ने प्रसव कराए।