Kanpur: कई अड़चनों के बाद मेगा लेदर क्लस्टर की राह हुई आसान, केंद्र से मिली मंजूरी, तलाशी जा रही 35 हेक्टेयर भूमि
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कानपुर, अमृत विचार। कई अड़चनों के बाद रमईपुर में प्रस्तावित मेगा लेदर क्लस्टर की राह अब आसान होने वाली है। देश के पहले लेदर पार्क के लिए 242 एकड़ (97.713 हेक्टेयर) जमीन की जरूरत है, जिसमें 35 हेक्टेयर भूमि नहीं प्राप्त हो पाई है। मंडलायुक्त के विजयेंद्र पांडियन ने रमईपुर में उक्त भूमि उपलब्ध कराने के निर्देश गुरुवार छह बंगलिया स्थित कैंप कार्यालय सभागार में अफसरों को दिए।
मेगा लेदर क्लस्टर परियोजना की कवायद 2012 में शुरू हुई और यूपी राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने मेगा लेदर क्लस्टर डेवलपमेंट यूपी लिमिटेड का गठन किया। लेकिन प्रोजेक्ट की राह में लगातार रुकावटें आती रहीं। 35 हेक्टेयर जमीन का पेंच फंसा है। पहले मेगा लेदर क्लस्टर डेवलपमेंट यूपी लिमिटेड ने ग्राम समाज को देने के लिए भूमि खरीदी थी, लेकिन एसडीएम सदर ने यह कहते हुए दाखिल खारिज से मना कर दिया कि अनुसूचित जाति के लोगों की भूमि बिना अनुमति ली गई है।
इसी तरह पट्टे की जो भूमि संक्रमणीय नहीं हुई थी, उसका बैनामा भी कंपनी ने करा लिया। दाखिल खारिज में पेंच फंसने से प्रोजेक्ट रुक गया। अब नए सिरे से भूमि खरीदकर उसे ग्राम पंचायत के नाम कराया जाएगा। गुरुवार को मंडलायुक्त की अध्यक्षता में छह बंगलिया कैंप कार्यालय सभागार में बैठक हुई। जिसमें मंडलायुक्त ने कहा कि केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद शासन से लेदर प्रोजेक्ट को जल्द शुरू करने के निर्देश हैं। प्रक्रिया में तेजी लाई जाए।
उन्होंने अधिकारियों को रमईपुर में 35 हेक्टेयर भूमि जल्द उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस बार के प्रदेश सरकार के बजट में भी इसके लिए प्रावधान किए जाने के संकेत हैं। क्लस्टर के स्थापित होने से दो लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। चमड़ा उत्पादों की फ्लैटेड इकाइयों समेत 150 से अधिक टेनरियों की स्थापना भी होगी। बैठक में जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह, एडीएम वित्त, एसडीएम सदर, तहसीलदार रहे।